रियल एस्टेट सेक्टर पर भी टेक्नोलॉजी का असर साफ दिख रहा है.आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), वर्चुअल रियलिटी (VR), इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) जैसी उभरती तकनीकों ने इस सेक्टर को अधिक पारदर्शी, कुशल और कस्टमर फ्रेंडली बना दिया है. आखिर कैसे टेक्नोलॉजी रियल एस्टेट सेक्टर को बदल रही है?
वर्चुअल रियलिटी (VR) और ऑगमेंटेड रियलिटी (Augmented reality) ने प्रॉपर्टी देखने के अनुभव को क्रांतिकारी बना दिया है. पहले, खरीदारों को प्रॉपर्टी देखने के लिए शारीरिक रूप से मौके पर जाना पड़ता था, लेकिन अब हाई-डेफिनिशन 360-डिग्री वर्चुअल टूर और AR-सक्षम वॉकथ्रू के माध्यम से खरीदार दुनिया के किसी भी कोने से प्रॉपर्टी का अनुभव कर सकते हैं. उदाहरण के लिए, VR टूर खरीदारों को घर के हर कोने को विस्तार से देखने की सुविधा देता है, जबकि AR के माध्यम से वे प्रॉपर्टी में फर्नीचर या डिज़ाइन बदलावों को डिजिटल रूप से देख सकते हैं.
भारत में वर्चुअल होम टूर का इस्तेमाल 2020 के बाद से तेजी से बढ़ा है, खासकर कोविड-19 महामारी के दौरान, जब लोग घरों में सिमट गए थे. 2025 तक, यह अनुमान है कि 70% से अधिक रियल एस्टेट लेनदेन में वर्चुअल टूर का उपयोग होगा, जिससे समय और लागत दोनों की बचत होगी.
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AI और बिग डेटा रियल एस्टेट में निर्णय लेने की प्रक्रिया को बदल रहे हैं. AI-पावर्ड एल्गोरिदम खरीदारों के व्यवहार, प्राथमिकताओं, और पिछले लेनदेन के डेटा का विश्लेषण करके व्यक्तिगत प्रॉपर्टी सुझाव देते हैं. उदाहरण के लिए, रियल एस्टेट पोर्टल जैसे Housing.com और MagicBricks AI का उपयोग करके खरीदारों को उनकी बजट, स्थान, और जीवनशैली के आधार पर प्रॉपर्टी सुझाते हैं.
इसके अलावा, AI बाजार के रुझानों का अनुमान लगाने, प्रॉपर्टी की कीमतों का आंकलन करने और जोखिम विश्लेषण में भी मदद करता है. बिग डेटा के माध्यम से डेवलपर्स को यह समझने में मदद मिलती है कि कौन से क्षेत्रों में मांग बढ़ रही है, जिससे वो अपनी परियोजनाओं को बेहतर ढंग से प्लान कर सकते हैं.
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ब्लॉकचेन तकनीक रियल एस्टेट लेनदेन को सुरक्षित और पारदर्शी बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स के माध्यम से, ब्लॉकचेन प्रॉपर्टी खरीद-बिक्री की प्रक्रिया को स्वचालित करता है, जिसमें मध्यस्थों की आवश्यकता कम हो जाती है. यह तकनीक प्रॉपर्टी के स्वामित्व रिकॉर्ड को डिजिटल रूप से सुरक्षित रखती है, जिससे धोखाधड़ी की संभावना कम होती है.
ड्रोन और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) ने निर्माण और प्रॉपर्टी मैनेजमेंट को अधिक कुशल बनाया है. ड्रोन का इस्तेमाल निर्माण स्थलों के प्रगति की निगरानी, सुरक्षा मानकों का अनुपालन, और हवाई सर्वेक्षण के लिए किया जा रहा है. इससे बिल्डरों को लागत और समय की बचत होती है.
IoT डिवाइसेज, जैसे स्मार्ट सेंसर, प्रॉपर्टी मैनेजमेंट में उपयोग हो रहे हैं. ये सेंसर ऊर्जा खपत, सुरक्षा, और रखरखाव की निगरानी करते हैं. उदाहरण के लिए, स्मार्ट होम सिस्टम्स खरीदारों को उनके घर की लाइटिंग, तापमान, और सुरक्षा को मोबाइल ऐप के माध्यम से नियंत्रित करने की सुविधा देते हैं.
भारत में प्रॉपटेक (प्रॉपर्टी टेक्नोलॉजी) स्टार्टअप्स रियल एस्टेट सेक्टर को नया आयाम दे रहे हैं. उदाहरण के लिए, Trezi जैसे प्लेटफॉर्म आर्किटेक्चर और डिज़ाइन प्रोजेक्ट्स के लिए रियल-टाइम सहयोग प्रदान करते हैं, जबकि NoBroker जैसे ऐप्स मध्यस्थों को हटाकर किराए और बिक्री को आसान बनाते हैं.
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