पाकिस्तान की सरकारी एयरलाइंस कंपनी पीआईए बिक (Pakistan International Airlines Sold) गई है. बिजनेस टाइकून आरिफ हबीब के ग्रुप ने PIA में मैजोरिटी हिस्सेदारी 135 अरब PKR में खरीदी है. कभी पाकिस्तान की इस एयरलाइंस का दुनिया में दबदबा था, लेकिन सरकार की अनदेखी और मिसमैनेजमेंट की वजह से इसका घाटा बढ़ता गया और आखिरकार इसे बेचना पड़ा. Arif Habib देश के सबसे अमीरों में शामिल हैं और खास बात ये है कि इनका भारत से गहरा नाता है.
135 अरब में खरीदी PAK एयरलाइंस
लंबे समय से आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान में हालात किस कदर खराब है, इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि सरकार ने देश की सरकार एयरलाइंस तक बेच दी है. पीआईए (PIA) को इस्लामाबाद में हुई एक बिडिंग सेरेमनी में 135 अरब पाकिस्तानी रुपये में बिजनेसमैन आरिफ हबीब (Arif Habib) ने खरीदा. सबसे बड़े बिडर के तौर पर उन्होंने Pakistan International Airlines में 75% हिस्सेदारी हासिल की है. रिपोर्ट्स की मानें तो अब बाकी की बची 25% स्टेकहोल्डिंग खरीदने के लिए 90 दिन का समय होगा. इसके अलावा इन्वेस्टर को अगले 5 सालों में 80 अरब रुपये का निवेश भी करना होगा.
आरिफ हबीब कौन हैं?
Arif Habib एक प्रमुख पाकिस्तानी उद्योगपति हैं और देश के सबसे अमीरों की लिस्ट (Pakistan Richest List) में शामिल हैं. आरिफ हबीब ग्रुप के फाउंडर और सीईओ ने समूह के कारोबार को कई सेक्टर्स में फैलाया है. खास बात ये है कि 1953 में जन्मे आरिफ हबीब ने 10वीं की पढ़ाई के बाद 1970 में ब्रोकरेज बिजनेस में एंट्री ली थी और अपनी पेशेवर यात्रा की शुरुआत करने के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखा.
फिलहाल, Arif Habib Group का विशाल कारोबार फाइनेंशियल सर्विसेस, केमिकल, सीमेंट, स्टील, रियल एस्टेट और एनर्जी सेक्टर तक फैला हुआ है. उनके समूह की प्रमुख कंपनियों की बात करें, तो वह फातिमा फर्टिलाइजर, आयशा स्टील मिल्स और जावेदन कॉर्पोरेशन समेत बड़े बिजनेस की कमान संभाल रहे हैं. इनके नेतृत्व में ग्रुप पाकिस्तान के सबसे तेजी से बढ़ते मल्टी-सेक्टर बिजनेस ग्रुप में से एक बना है.
भारत से आरिफ हबीब का नाता!
पाकिस्तान की सरकारी एयरलाइंस कंपनी PIA को खरीदने वाले पाकिस्तानी रईस आरिफ हबीब का भारत से भी गहरा नाता है. ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट की मानें, तो Arif Habib के माता-पिता चाय के कारोबार से जुड़े हुए थे और 1948 में भारत के गुजरात में स्थित बंटवा (Bantva, Gujarat) से नए बने पाकिस्तान में चले गए थे.
कराची में जन्मे आरिफ हबीब का परिवार जब पाकिस्तान पहुंचा था, तो उनकी आर्थिक हालात ठीक नहीं थी. रिपोर्ट में Arif Habib के हवाले से बताया गया था कि 1970 में उनके बड़े भाई ने स्टॉक एक्सचेंज में एक ट्रेडिंग लाइसेंस खरीदा था और 17 साल की उम्र में 10वीं की पढ़ाई छोड़ आरिफ भाई के साथ जुड़कर ब्रोकरेज बिजनेस में शामिल हो गए थे.
आजतक बिजनेस डेस्क