देश में कोरोना महामारी के बीच बेरोजगारों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है. बड़ी संख्या में पढ़े-लिखे युवा भी बेरोजगार हैं. ऐसे में कुछ ऐसी खबरें भी सामने आई हैं जिसके मुताबिक यह दावा किया जा रहा है कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार देश के बेरोजगारों को 3500 रुपये प्रति माह बेरोजगारी भत्ता दे रही है.
सोशल मीडिया और व्हाट्सएप के माध्यम से यह मैसेज फैलाया जा रहा है कि केंद्र सरकार 'बेरोजगारी भत्ता' योजना के तहत युवाओं को मदद पहुंचाने के लिए रजिस्ट्रेशन कर रही है. साथ ही रजिस्ट्रेशन के लिए लिंक भी भेजा जा रहा है. वायरल हो रहे मैसेज में इस योजना का नाम 'प्रधानमंत्री बरोजगारी भत्ता' योजना 2021 बताया गया है.
इस मैसेज में बताया गया है कि योजना के तहत 18 से 40 वर्ष के युवा रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं, रजिस्ट्रेशन की आखिरी तारीख 27 मई 2021 निर्धारित की गई है.
क्या है बेरोजगारी भत्ते का सच?
सरकार की साइबर क्राइम टीम ने इस योजना को फर्जी करार दिया है. गृह मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले 'इंडियन साइबर क्राइम कोऑर्डिनेशन सेंटर' ने सोशल मीडिया पर फैलाए जा रही इस बेरोजगारी भत्ता योजना की खबर को झूठा बताया है. साइबर क्राइम सेंटर ने ट्वीट कर जानकारी दी है और लिखा है, 'बेरोजगारी भत्ता योजना, धोखाधड़ी : सावधान रहें.'
PIBFactCheck टीम ने भी ट्वीट कर इस दावे को फर्जी बताया है. पीआईबी ने लिखा, 'दावा - एक व्हाट्सएप मैसेज में यह दावा किया गया है कि 'प्रधानमंत्री बेरोजगार भत्ता योजना' के अंतर्गत भारत सरकार सभी बेरोजगारों को प्रतिमाह ₹ 3500 दे रही है. किया गया दावा और दिया गया ब्लॉग लिंक फर्जी है. भारत सरकार द्वारा ऐसी कोई योजना नहीं चलाई जा रही है.'
यानी सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा बेरोजगारी भत्ते का ये मैसेज पूरी तरह फर्जी है.
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