संसद का बजट सत्र सोमवार को शुरू हो गया, इस सत्र के दौरान 23 जुलाई को देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में बजट पेश करेंगी. देश इस बजट को आस भरी निगाह से देख रहा है, जिस बात पर सबकी निगाह टिकी है वो है कि टैक्स स्लैब (Tax Slab) में क्या कोई बदलाव होगा. खासकर के देश का बड़ा तबका जिसे मिडिल क्लास कहते हैं, उसे 2024 को बजट से बहुत उम्मीद हैं. ये बजट मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट होगा.
इनकम टैक्स में छूट
देश की बड़ी आबादी को आशा है कि 23 जुलाई के बजट में उसे इनकम टैक्स में कुछ राहत मिलेगी. भारत में अभी 3 लाख रुपये तक की सालाना आमदनी पर कोई टैक्स नहीं लगता है. अब एक्सपर्ट्स अनुमान लगा रहे हैं कि इस बजट में सरकार 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये तक कर सकती है.
अगर ऐसा होता है तो, स्टौंडर्ड डिडक्शन और धारा 87ए के जरिए 8.5 लाख तक की सालाना आए वाले लोगों को टैक्स से छूट मिल सकती है. इसके अलावा ये भी कहा जा रहा है कि सरकार 15 लाख से ऊपर के आय वाले लोगों को भी राहत दे सकती है. 15 लाख से ऊपर की सालाना आय पर अभी 30 फीसदी टैक्स देना पड़ता है, जिसे कम कर के इस बजट में 25 प्रतिशत किया जा सकता है.
80C में बदलाव की उम्मीद
वहीं, कुछ रिपोर्टस के अनुसार सरकार 10 साल के बाद सेक्शन 80C में बदलाव कर सकती है और 1.5 लाख से 2 लाख रुपये किया जा सकता है. बता दें, कि अभी 1.5 लाख रुपये तक की कटौती के लिए अभी क्लेम किया जा सकता है. लेकिन 23 जुलाई के बजट में अगर 80C में बदलाव होता है, तो उसके बाद 2 लाख तक की कटौती पर क्लेम किया जा सकता है.
HRA में छूट
बढ़ती महंगाई का असर हर जगह दिखाई देने लगा है. ऐसे में घरों का किराया भी लगातार महंगा हो रहा है. इसको देखते हुए सरकार भी मकान किराये भत्ता (HRA) में छूट बढ़ा सकती है, अगर ऐसा होता है तो निश्चित तौर पर लोगों को टैक्स के भुगतान में कुछ राहत मिलेगी.
NPS में हो सकता है बदलाव
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में भी सरकार कुछ बदलाव कर सकती है और टैक्स के छूट का दायरा बढ़ा सकती है. इस स्कीम पर लोगों की निगाह टिकी है कि उन्हें कितनी राहत मिलती है. ऐसा कयास लगाया जा रहा है कि सरकार नेशनल पेंशन सिस्टम को भी EPF के समान कर सकती है.
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