Budget on Sunday: रविवार को खुलेंगे शेयर बाजार... कब, क्यों? सरकार ने लिया फैसला, जानिए क्या है मकसद?

देश में बजट हमेशा 1 फरवरी को पेश किया जाता है, लेकिन इस बार 1 फरवरी को रविवार है. जिस वजह से शेयर बाजार खुले रहेंगे. ऐसा संयोग हमेशा नहीं होता है.

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इस बार रविवार को पेश किया जाएगा बजट. (Photo: ITG) इस बार रविवार को पेश किया जाएगा बजट. (Photo: ITG)

आजतक बिजनेस डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 10 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 4:53 PM IST

हमेशा रविवार को छुट्टी रहती है. लेकिन 1 फरवरी को 2026 को ऐसा नहीं होने वाला है, उस दिन संसद के दरवाजे भी खुले रहेंगे और शेयर बाजार भी खुला रहेगा.

दरअसल, 1 फरवरी को बजट पेश किया जाएगा, और इस बार रविवार को 1 फरवरी है. जिस वजह से शेयर बाजार खुले रहेंगे. ऐसा संयोग हमेशा नहीं होता है. नियम के मुताबिक 1 फरवरी को हर साल बजट पेश किया जाता है. इसलिए बजट के दिन दलाल स्ट्रीट पर सुबह से हलचल दिखाई देगी.

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रविवार को शेयर बाजार में कारोबार

बता दें, आमतौर पर सप्ताहांत यानी शनिवार और रविवार को दोनों एक्सचेंज BSE और NSE पूरी तरह से बंद रहते हैं. लेकिन बाजार नियामकों और वित्त मंत्रालय के बीच सहमति बनी कि बजट जैसे महत्वपूर्ण दिन बाजारों को खुला रखा जाए, क्योंकि हमेशा बजट के दिन बाजार खुले रहते हैं. निवेशकों के लिए भी बजट का दिन रोमांच भरा होता है.  

वहीं इस बार बजट 1 फरवरी (रविवार) को होने से इकोनॉमिक सर्वे 31 जनवरी (शनिवार) को या फिर उससे पहले के आखिरी वर्किंग डे यानी 30 जनवरी (शुक्रवार) को पेश किया जा सकता है.

क्यों लिया गया ये फैसला?
बजट के दिन बाजार को खुला रखने का फैसला इसलिए किया गया है, ताकि अर्थव्यवस्था से जुड़े बड़े स्टेप का सीधा असर बाजारों में तुरंत दिख सके. कई वर्षों से निवेशक मांग उठाते रहे थे कि बजट-दिवस को मार्केट लाइव रहना चाहिए, जिससे कि अगले दिन अचानक उतार-चढ़ाव से बचा जा सके.

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बता दें, 1 फरवरी 2025 को शनिवार था, लेकिन बजट डे होने की वजह से बाजार खुले हुए थे. अगर रविवार को बजट पेश करने की बात करें तो 28 फरवरी 1999 को रविवार था और उस दिन बजट पेश किया गया था, पहले बजट 28 फरवरी को ही पेश किया जाता था. यही वो साल था, जब शाम की बजाय सुबह को बजट पेश किया गया था. 

बजट थीम को लेकर कयास

हालांकि अभी बजट में करीब 50 दिन का वक्त है. लेकिन निवेशक अभी यह समझने की कोशिश में लगे हैं कि सरकार किस दिशा में बड़े ऐलान कर सकती है. आयकर स्लैब से लेकर इंफ्रास्ट्रक्चर, मैन्युफैक्चरिंग, ग्रामीण अर्थव्यवस्था और कैपिटल मार्केट से जुड़े सुधारों तक. 

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