8, 10,12, 15 या 20 लाख के करीब सालाना सैलरी है तो जानें ओल्ड टैक्स रिजीम में बचेगा पैसा या नए टैक्स रिजीम में

बजट 2024 में वित्त मंत्री निर्मला सीतरमण ने New Tax Regime के लिए स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ा दिया है. पहले जहां इसमें 50,000 की छूट थी, अब इसे बढ़ाकर 75,000 कर दिया गया है. लेकिन पुराने टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया गया है, बावजूद इसके आप डिडक्शन और छूट क्लेम कर टैक्स में छूट हासिल कर सकते हैं.

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बजट में नए टैक्स रिजीम में बदलाव किया गया है (Photo- Reuters) बजट में नए टैक्स रिजीम में बदलाव किया गया है (Photo- Reuters)

राधा कुमारी

  • नई दिल्ली,
  • 24 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 2:48 PM IST

नरेंद्र मोदी सरकार ने New Tax Regime को बढ़ावा देने की कोशिश में एक बड़ा कदम उठाया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को वित्तवर्ष 2024-25 का बजट पेश करते हुए ऐलान किया कि New Tax Regime के तहत इनकम टैक्स में स्टैंडर्ड डिडक्शन की लिमिट बढ़ाई जा रही है. पहले जहां New Tax Regime  के तहत स्टैंडर्ड डिडक्शन 50,000 था, उसे अब बढ़ाकर 75,000 कर दिया गया है. यानी अगर आपकी सैलरी 7,75,000 है तो आपको एक भी रुपया टैक्स नहीं देना पड़ेगा. 

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वहीं, ओल्ड टैक्स रिजीम में टैक्स छूट नहीं बढ़ाई गई है. New Tax Regime में इनकम टैक्स रेट तुलनात्मक रूप से कम है, बावजूद इसके अभी भी कई लोगों को Old Tax Regime  ही आकर्षित कर रहा है. इसकी वजह यह है कि New Tax Regime में जहां आपको 75,000 की ही छूट है, वहीं, पुराने टैक्स रिजीम में आप इनकम टैक्स पर अधिक छूट और डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं जिस वजह से आपके इनकम पर लगने वाला टैक्स कम हो जाता है. 

सबसे पहले जान लेते हैं कि न्यू टैक्स रिजीम के तहत कितनी कमाई पर आपको कितना टैक्स देना होगा-

इनकम टैक्स स्लैब                                         इनकम टैक्स रेट
3,00,000                                                              0    
3,00,001 -7,00,000                                             5%
7,00,001- 10,00,000                                          10%
10,00,001-12,00,000                                         15%
12,00,001-15,00,000                                         20%
15,00,001 और इससे ज्यादा                                  30%

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नया टैक्स रिजीम

नया टैक्स रिजीम 1 अप्रैल 2020 से लागू है और उस वक्त यह ऑप्शनल था. लेकिन 1 अप्रैल 2023 से इसे डिफॉल्ट टैक्स रिजीम बना दिया गया है. इसका मतलब यह हुआ किसी भी व्यक्ति की टैक्स लाइबिलिटी नए टैक्स रिजीम के तहत ही कैलकुलेट की जाएगी जब तक कि वो अपने आप से पुराने टैक्स रिजीम का विकल्प नहीं चुनता.

जहां पुराने टैक्स रिजीम में आप कई तरह की टैक्स डिडक्शन और छूट का लाभ उठा सकते हैं, वहीं, नए वाले टैक्स रिजीम में डिफॉल्ट रूप से आपको 75,000 का टैक्स छूट मिलता है. यानी अगर आपकी सैलरी 7,75,000 है और आपने New Tax Regime लिया है तो आपको 1 रुपया भी टैक्स नहीं देना होगा.

किन लोगों के लिए अच्छा है ओल्ड टैक्स रिजीम

पुराना टैक्स रिजीम उन लोगों के लिए अच्छा विकल्प है जो अधिक से अधिक टैक्स में छूट क्लेम कर सकते हैं. आप जितना ज्यादा टैक्स छूट क्लेम करेंगे, उतना ज्यादा टैक्स बचा पाएंगे. लेकिन अगर आप टैक्स छूट क्लेम नहीं कर सकते तो आपके लिए नया टैक्स रिजीम ही बेहतर विकल्प है.

पुराने टैक्स रिजीम में घर का किराया, ट्रैवल अलाउंस, सेक्शन 80C, 80D, 80 CCD (1b) और 80CCD (2) के तहत कई तरह की छूट और डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं. लेकिन नए टैक्स रिजीम जिसमें कि पुराने रिजीम के मुकाबले कम टैक्स रेट है, उसमें आप इस तरह टैक्स में छूट क्लेम नहीं कर सकते.

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छूट, डिडक्शन क्लेम और कितनी सैलरी पर कितना टैक्स?

नए टैक्स रिजीम में बदलाव हुआ है जिसके बाद स्टैंडर्ड डिडक्शन को बढ़ाकर 50,000 से 75,000 कर दिया गया है, वहीं पुराने टैक्स रिजीम में यह छूट 50,000 ही है. इस हिसाब से जिन लोगों ने ओल्ड टैक्स रिजीम चुना है, उनके लिए सरकार ने स्टैंडर्ड डिडक्शन 50,000 ही रखा है. बावजदू इसके, आप छूट और डिडक्शन क्लेम कर ओल्ड टैक्स रिजीम में नए टैक्स रिजीम के बराबर या उससे ज्यादा टैक्स सेव कर सकते हैं.

कैसे? हम आपको बता रहे हैं-

1. सालाना सैलरी- 7.75 लाख-  अगर आपकी सैलरी सालाना 7.75 लाख है और आप ओल्ड टैक्स रिजीम चुनते हुए 325,000 छूट और डिडक्शन क्लेम करते हैं तो आपको एक भी रुपया टैक्स नहीं देना होगा. न्यू टैक्स रिजीम चुनने पर भी 75000 रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलता है और ऐसे में तब भी आपको एक रुपया टैक्स नहीं देना होगा.

2. सालाना सैलरी- 10 लाख- आप 350,000 छूट और डिडक्शन क्लेम करते हैं तो ओल्ड टैक्स रिजीम में आपको 44,200 रुपये टैक्स देना होगा. नए टैक्स रिजीम, जो कि बजट में रिवाइज किया गया है, में भी आपको 10 लाख की सैलरी पर 44,200 टैक्स लगेगा. इसका मतलब यह हुआ कि अगर आप 3.5 लाख से ज्यादा छूट और डिडक्शन क्लेम करते हैं तभी आपको न्यू टैक्स रिजीम की तुलना में ओल्ड टैक्स रिजीम में फायदा होगा. 

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3. सालाना सैलरी 12.5 लाख-  अगर आप ओल्ड टैक्स रिजीम चुनते हैं और 431,250 रुपया छूट और डिडक्शन क्लेम करते हैं तब आपको 79,300 टैक्स देना होगा. नए रिवाइज्ड टैक्स रिजीम में भी आपको 79,300 रुपये टैक्स देना होगा. आप 431,250 रुपये से जितना ज्यादा डिडक्शन और छूट क्लेम करते हैं, ओल्ड रिजीम में आपका उतना ही पैसा बचेगा.

4. सालाना सैलरी- 15.75 लाख- अगर आपकी सैलरी 15.75 लाख है और आप ओल्ड टैक्स रिजीम चुनकर 483,333 रुपये छूट, डिडक्शन क्लेम करते हैं तो आपको 145,600 रुपये टैक्स देना होगा. नए टैक्स रिजीम में भी आपको सेम इनकम पर 145,600 रुपया टैक्स देना होगा.

5. सालाना सैलरी- 20 लाख- अगर आपकी सैलरी सालाना 20 लाख है तो ओल्ड टैक्स रिजीम चुनकर आप 483,333 रुपये छूट और डिडक्शन क्लेम करते हैं तो आपको 278200 रुपये टैक्स देना होगा. वहीं, 20 लाख की सैलरी पर नए टैक्स रिजीम के तहत भी आपको 278,200 टैक्स देना होगा.

ओल्ड टैक्स रिजीम में क्या-क्या छूट कर सकते हैं क्लेम

पुराने टैक्स रिजीम में 50,000 का स्टैंडर्ड डिडक्शन का प्रावधान है. इनकम टैक्स की धारा 80C के तहत आप PPF, EPF, ELSS, NSC जैसी स्कीम में निवेश कर अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक का एक्सेंप्शन (छूट) हासिल कर सकते हैं. इनकम टैक्स की धारा  80CCD (1B) के तहत अगर आप नेशनल पेमेंट सिस्टम (NPS) में सालाना 50,000 रुपये निवेश करते हैं तो ये भी आपकी टैक्सेबल इनकम से माइनस हो जाएगा.

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इसके अलावा, अगर आप रेंट भरते हैं तो एचआरए क्लेम कर भी टैक्स बचा सकते हैं. अगर आप सालाना एक लाख रुपये से ज्यादा रेंट एचआरए के तहत क्लेम करते हैं तो आपको अपने मकान मालिक के पैन कार्ड की कॉपी देनी होगी.

अगर आपका होम लोन चल रहा है तो इससे आप सालाना 2 लाख रुपये पर टैक्स बचा सकते हैं. इनकम टैक्स की धारा 24B के तहत होम लोन के ब्याज पर सालाना 2 लाख रुपये तक टैक्स बचाया जा सकता है. इनकम टैक्स की धारा 80D के तहत मेडिकल पॉलिसी लेकर आप लगभग 75 हजार रुपये तक टैक्स बचा सकते हैं.

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