बिहार सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन पाने वाले पेंशनधारकों को बड़ी राहत दे दी है. बिहार सरकार ने एक नई व्यवस्था लागू की है, जो सरल बताई जा रही है. समाज कल्याण विभाग के सामाजिक सुरक्षा निदेशालय ने अब आधार आधारित फ्री जीवित प्रमाणीकरण की सुविधा शुरू कर दी है. ये सुविधा पूरे प्रदेश में कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) के जरिये उपलब्ध कराई जाएगी.
इस सुविधा का औपचारिक शुभारंभ पटना के फुलवारी शरीफ स्थित हुलासचक CSC केंद्र पर आयोजित एक कार्यक्रम में समाज कल्याण विभाग की सचिव बंदना प्रेयषी ने किया. इस सुविधा की शुरुआत करते हुए बंदना प्रेयषी ने कहा कि यह नई व्यवस्था सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रणाली को और अधिक पारदर्शी, सटीक और भरोसेमंद बनाएगी. उन्होंने यह भी कहा कि जिन पेंशनधारकों के लिए CSC तक पहुंचना संभव नहीं है, उनके लिए पंचायत स्तर पर शिविर लगाकर या घर जाकर जीवन प्रमाणीकरण की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी.
समाज कल्याण विभाग ने प्रदेश के ऐसे सभी पेंशनधारकों से यह अपील भी की है कि वे समय पर अपने नजदीकी CSC केंद्र पर जाकर जीवन प्रमाणीकरण जरूर कराएं, जिससे उन्हें पेंशन की राशि अबाध रूप से मिलती रहे. समाज कल्याण विभाग प्रदेश के वृद्ध, विधवा महिलाओं और दिव्यांगजनों के लिए कुल छह सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाएं संचालित करता है. इन योजनाओं के तहत जून 2025 से पेंशन राशि बढ़ाकर 1100 रुपये प्रतिमाह कर दी गई है. वहीं, नवंबर 2025 तक 1 करोड़ 15 लाख से अधिक पेंशनधारकों को कुल 1295 करोड़ 88 लाख रुपये की धनराशि डीबीटी के जरिये बैंक खातों में भेजी जा चुकी है.
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CSC के माध्यम से जीवन प्रमाणीकरण सुविधा शुरू होने के बाद अब सभी पेंशनधारकों का विवरण ई-लाभार्थी पोर्टल पर उपलब्ध हो सकेगा. मृत पेंशनधारकों की पहचान और डेटा की शुद्धता सुनिश्चित करने के लिए वार्षिक जीवन प्रमाणीकरण भी अनिवार्य कर दिया गया है. पूरे प्रदेश में 67 हजार से अधिक CSC केंद्रों पर यह सेवा पूरी तरह से मुफ्त उपलब्ध कराई जाएगी. सामाजिक सुरक्षा पेंशन पाने वाले पेंशनधारक आधार कार्ड, बैंक खाता संख्या या लाभार्थी संख्या के आधार पर जीवन प्रमाणीकरण करा सकेंगे.
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अत्यधिक वृद्ध या दिव्यांग पेंशनधारकों के लिए बायोमेट्रिक के विकल्प के रूप में आइरिस प्रमाणीकरण की सुविधा भी दी गई है. कॉमन सर्विस सेंटर ई-गवर्नेंस सर्विसेज इंडिया लिमिटेड के व्यापक नेटवर्क और तकनीकी क्षमता को देखते हुए 3 अक्टूबर 2025 को हुई कैबिनेट मीटिंग में इस काम के लिए CSC को अधिकृत करने का फैसला लिया गया था.
रोहित कुमार सिंह