'CM बनना मेरा मकसद नहीं, इतने छोटे सपने लेकर नहीं आया हूं', गया में बोले प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर ने कहा, 'कुछ लोगों को लगता है कि हम यहां मुख्यमंत्री बनने आए हैं, लेकिन आप हमें नहीं जानते. मैं इतना छोटा सपना लेकर पैदा नहीं हुआ हूं. मैं मुख्यमंत्री बनने के लिए अपने शरीर को नहीं खपा रहा हूं. मेरा सपना है कि अपने जीवन काल में 10 वर्ष के अंदर ऐसा बिहार बने, जहां हरियाणा, पंजाब, गुजरात, और महाराष्ट्र से लोग रोजगार के लिए यहां आएं. तब हम मानेंगे कि बिहार में विकास हुआ है.'

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प्रशांत किशोर (फाइल फोटो) प्रशांत किशोर (फाइल फोटो)

रोहित कुमार सिंह

  • पटना,
  • 04 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 3:12 PM IST

चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर लगातार बिहार में सक्रिय हैं. राज्य में होने वाले उपचुनाव को लेकर भी वह लगातार लोगों से संपर्क कर रहे हैं. इसी बीच सोमवार को प्रशांत किशोर ने गया के इमामगंज विधानसभा क्षेत्र में एक जन संवाद के दौरान कहा कि कुछ लोग यह मानते हैं कि प्रशांत किशोर मुख्यमंत्री बनने के लिए अच्छा बोल रहे हैं, लेकिन ऐसा नहीं है. मेरा सपना सीएम बनने का नहीं है.

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क्या बोले प्रशांत किशोर

प्रशांत किशोर ने कहा, 'कुछ लोगों को लगता है कि हम यहां मुख्यमंत्री बनने आए हैं, लेकिन आप हमें नहीं जानते. मैं इतना छोटा सपना लेकर पैदा नहीं हुआ हूं. मैं मुख्यमंत्री बनने के लिए अपने शरीर को नहीं खपा रहा हूं. मेरा सपना है कि अपने जीवन काल में 10 वर्ष के अंदर ऐसा बिहार बने, जहां हरियाणा, पंजाब, गुजरात, और महाराष्ट्र से लोग रोजगार के लिए यहां आएं. तब हम मानेंगे कि बिहार में विकास हुआ है.'

लालू-नीतीश को घेरा

प्रशांत किशोर ने इस दौरान लालू-नीतीश को भी घेरा. उन्होंने कहा कि इन दोनों ने लोगों को जाति के आधार पर बांटकर राज किया, जबकि मोदी ने 5 किलो अनाज का लालच देकर आपसे आपका वोट लिया. प्रशांत किशोर ने कहा कि पिछले 35 वर्षों में बिहार को जाति के आधार पर बांटकर लालू-नीतीश ने शासन किया और मोदी ने 5 किलो अनाज का लालच देकर आपसे आपका वोट लिया. 

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उन्होंने कहा कि बिहार में किस हद तक भ्रष्टाचार फैला है, यह बात इसी से साफ है कि 5 किलो अनाज में भी भ्रष्ट नेता और अधिकारी गरीब लोगों के 1 किलो के अधिकार छीन लेते हैं. इन सभी नेताओं को आपके बच्चों की शिक्षा और रोजगार की कोई चिंता नहीं है. इसलिए जब तक आप जाति और भात से बाहर नहीं निकलेंगे, तब तक आपकी गरीबी नहीं मिट सकती. जब तक आप वोट 5 किलो मुफ्त अनाज के लालच में देंगे तब तक आपके बच्चों को रोजगार नहीं मिल पाएगा.

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