दिल्ली से पटना की फ्लाइट में केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह और RJD सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव की मुलाकात ने बिहार के राजनीतिक हलकों में हलचल बढ़ा दी है. दोनों नेताओं की मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में कई तरह के दावे किए जा रहे हैं.
वहीं, केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि RJD संरक्षक लालू यादव को अपने बेटे तेजस्वी यादव के बिना बिहार का कोई भविष्य नहीं दिखता. हालांकि बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इसका खंडन किया है.
तेजस्वी ने गिरिराज के दावों को बेकार बताया और कहा कि उन्होंने उनके राजनीतिक भविष्य के अलावा हर चीज के बारे में बात की. तेजस्वी ने दावा किया कि गिरिराज ने मेरे पिता के स्वास्थ्य के बारे में पूछा था, क्योंकि उन्होंने मटन भोज की मेजबानी पर भी रुचि व्यक्त की थी.
तेजस्वी ने दावा किया कि इस मामले में लालू की प्रतिक्रिया सकारात्मक थी और ऐसे अवसर पर केवल झटका मांस की उपलब्धता का आश्वासन दिया गया था. एक और विवाद पर पलटवार करते हुए तेजस्वी ने कहा कि मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में उनकी पार्टी द्वारा चुनाव के बाद लिए गए रणनीतिक फैसलों को देखते हुए गिरिराज अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर आशंकित थे.
पटना एयरपोर्ट पर उतरते ही चिराग पासवान भी इस विवाद में कूद पड़े. पटना हवाई अड्डे पर पत्रकारों से बात करते हुए चिराग ने दावा किया कि राजद नेताओं की ओर से ऐसी मांगें और दावे आते रहे हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि खड़गे के नाम की घोषणा के बाद INDIA गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं है और इस घोषणा के बाद से ही नीतीश अपना मानसिक संतुलन खो बैठे हैं.
बता दें कि हाल ही में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम विपक्षी गठबंधन की ओर से पीएम पद के लिए प्रस्तावित किया था. इसके बाद INDIA गठबंधन में रार की अटकलें लगाई जाने लगी थीं.
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राहुल गांधी द्वारा नीतीश को किए गए फोन कॉल के संबंध में आजतक से कहा कि त्वरित टेलीफोन फॉलो-अप से यह साफ हो गया है कि विपक्षी गठबंधन के भीतर सब कुछ ठीक नहीं है. ममता और केजरीवाल द्वारा खड़गे का नाम प्रस्तावित किए जाने पर तेजस्वी की चुप्पी पर सवाल उठाते हुए सुशील कुमार मोदी ने पूछा कि खड़गे से पहले तेजस्वी को नीतीश के लिए पैरवी करने से किसने रोका था.
आदित्य वैभव