लालू का करीबी और बड़ा बालू माफिया, जानें कौन है सुभाष यादव जिसे ED ने सुबह-सुबह किया गिरफ्तार

लालू यादव के बेहद करीबी सुभाष यादव को रविवार की सुबह ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया है. सुभाष यादव न सिर्फ बालू माफिया हैं बल्कि पहले विधायक भी रह चुके हैं, सुभाष यादव के ठिकाने से 2 करोड़ रुपये से ज्यादा कैश बरामद हुआ है.

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सुभाष यादव के घर से भारी मात्रा में कैश बरामद सुभाष यादव के घर से भारी मात्रा में कैश बरामद

aajtak.in

  • पटना,
  • 10 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 10:06 AM IST

राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव को बड़ा झटका लगा है. प्रवर्तन निदेशालय यानी की ईडी ने लालू के करीबी नेता, बालू माफिया और पूर्व विधायक सुभाष यादव को गिरप्तार कर लिया है.

ईडी ने सुभाष यादव की गिरफ्तारी अवैध रेत खनन से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग के केस में की है. केंद्रीय एजेंसी ने शनिवार को बिहार की राजधानी में पटना में सुभाष यादव और उनके सहयोगियों के आधा दर्जन परिसरों पर छापेमारी की थी जिसके बाद उसके ठिकाने से 2.3 करोड़ रुपये कैश की बरामदगी हुई थी. रविवार की सुबह कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.

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लालू यादव का करीबी है सुभाष यादव 

जिस सुभाष यादव को ईडी ने गिरफ्तार किया है उसे लालू यादव का बेहद करीबी नेता माना जाता है और उसका पार्टी में भी काफी रुतबा रहा है. आरजेडी के टिकट पर सुभाष यादव चुनाव जीतकर विधानसभा भी पहुंच चुके हैं. सुभाष यादव झारखंड के चतरा से पिछला लोकसभा चुनाव भी लड़ चुके हैं लेकिन वो चुनाव हार गए थे. 

सूत्रों के मुताबिक मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में लंबी पूछताछ के बाद रविवार की सुबह उसे गिरफ्तार किया गया था. रेत खनन रैकेट के "प्रमुख सिंडिकेट सदस्य" होने के आरोप में, यादव को सोमवार को पटना में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की विशेष अदालत में पेश किया जाएगा.

सुभाष यादव की कंपनी में अवैध कमाई का निवेश

मनी लॉन्ड्रिंग का मामला बिहार पुलिस द्वारा ब्रॉडसन कमोडिटीज प्राइवेट लिमिटेड नामक कंपनी के खिलाफ दर्ज की गई 20 से ज्यादा एफआईआर से सामने आया है. बीसीपीएल और उसके निदेशकों पर आरोप है कि वे ई-चालान का उपयोग किए बिना रेत के अवैध खनन और बिक्री में लगे हुए थे.

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पिछले साल, ईडी ने मामले में बिहार एमएलसी और जेडीयू नेता राधा चरण साह, उनके बेटे कन्हैया प्रसाद और ब्रॉडसन कमोडिटीज के निदेशक मिथिलेश कुमार सिंह, बबन सिंह और सुरेंद्र कुमार जिंदल को गिरफ्तार किया था और ये लोग न्यायिक हिरासत के तहत जेल में बंद हैं.

ईडी के अनुसार, कथित रेत व्यापार को एक सिंडिकेट द्वारा नियंत्रित किया जाता है, जिसने सुभाष यादव की कंपनी में धन निवेश किया था और सिंडिकेट अवैध रूप से रेत बेचकर लाभ कमाता था जो आपराधिक आय की श्रेणी में आता है. ईडी ने दावा किया है कि इस मामले में 161 करोड़ रुपये की आय अर्जित की गई थी.


 

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