Bihar SIR: 4 दिन बाद भी किसी सियासी दल ने दर्ज नहीं कराई आपत्ति, चुनाव आयोग ने शुक्रवार को जारी की थी वोटर लिस्ट

बिहार में SIR का पहला चरण पूरा हो चुका है. आयोग ने शुक्रवार को पूरी बूथवार मतदाता सूची सभी राजनीतिक दलों को मुहैया करा दी थी. वेब साइट पर भी सूची को अपलोड कर दिया है, लेकिन इसके बावजूद भी सोमवार को चौथा दिन है. पर अभी तक किसी भी राजनीतिक दल की ओर से एक भी आपत्ति या सुझाव नहीं आया है.

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बिहार में नई ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी. (Photo: ITG/RanjanRahi) बिहार में नई ड्राफ्ट वोटर लिस्ट जारी. (Photo: ITG/RanjanRahi)

ऐश्वर्या पालीवाल / संजय शर्मा

  • पटना,
  • 04 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 5:42 PM IST

बिहार में विशेष मतदाता सूची संशोधन (SIR) का पहला चरण पूरा हो चुका है, लेकिन इस दौरान राजनीतिक दलों की ओर से एक भी आपत्ति दर्ज या सुझाव नहीं मिला है. दूसरी ओर आम वोटरों ने मतदाता सूची को दुरुस्त करने में सक्रियता दिखाई और 1,927 मामले निर्वाचन आयोग के समक्ष दाखिल किए. ये मामले योग्य मतदाताओं को सूची में शामिल करने और अयोग्य मतदाताओं को हटाने से संबंधित हैं. जबकि 10,977 आवेदन फॉर्म-6 के तहत नए वोटर जोड़ने, हटाने और अन्य घोषणा पत्र से जुड़े हैं.

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आयोग के अनुसार, कुल 1,60,813 बूथ लेवल एजेंट्स (BLA) नियुक्त किए गए थे, जिनमें भारतीय जनता पार्टी (BJP) के 53,338, राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के 47,506, जनता दल यूनाइटेड (JDU) के 36,550 और कांग्रेस के 17,549 एजेंट शामिल हैं. इसके अलावा सीपीआई (एमएल) के 1,496, सीपीएम के 899, रालोजपा के 1,913, लोजपा (रामविलास) के 1,210, रालोसपा के 270, बसपा के 74, एनपीपी के 7, और आम आदमी पार्टी का 1 बूथ लेवल एजेंट है.

आयोग ने वेब साइट पर भी अपलोड किया ड्राफ्ट

दरअसल, आयोग ने शुक्रवार को पूरी बूथवार मतदाता सूची सभी राजनीतिक दलों को मुहैया करा दी थी. वेब साइट पर भी सूची को अपलोड कर दिया है, लेकिन इसके बावजूद भी सोमवार को चौथा दिन है. पर अभी तक किसी भी राजनीतिक दल की ओर से एक भी आपत्ति या सुझाव नहीं आया है. साथ ही किसी भी दल ने ड्राफ्ट मतदाता सूची में शामिल करने या हटाने के लिए एक भी नाम की सिफारिश नहीं की है.

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आयोग को मिली 1927 शिकायतें

राजनीतिक दलों की निष्क्रियता के बीच आम वोटरों ने मतदाता सूची को साफ-सुथरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. आयोग को प्राप्त 1,927 शिकायतें और 10,977 आवेदन इस बात का प्रमाण हैं कि आम लोग अपने मताधिकार को लेकर सजग हैं. ये आवेदन मुख्य रूप से नए मतदाताओं को जोड़ने, गलत नाम हटाने और मतदाता सूची में सुधार से संबंधित हैं.

राजनीतिक दलों की इस चुप्पी ने कई सवाल खड़े किए हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि विपक्षी दलों के करीब 60,000 बूथ लेवल एजेंट्स शायद अब तक मतदाता सूची में आपत्तिजनक नाम ढूंढ नहीं पाए हैं.

वहीं, चुनाव आयोग ने सभी दलों और नागरिकों से अपील की है कि वे मतदाता सूची को और सटीक बनाने में सहयोग करें. आयोग ने स्पष्ट किया है कि मतदाता सूची को अंतिम रूप देने से पहले सभी पक्षों को पर्याप्त वक्त दिया जाएगा.

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