इंडिया टुडे की रिपोर्ट के बाद बिहार के दूध पानीया गांव में स्वास्थ्य संकट उजागर हुआ, जिसके बाद अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई शुरू की. सब-डिविजनल मैजिस्ट्रेट राजीव रोशन ने गांव को अपनाने का ऐलान किया और ग्रामीणों के लिए दीर्घकालीन देखभाल का भरोसा दिया. स्थानीय प्रशासन ने दिल्ली के केंद्रीय दल को कल गांव में आने के लिए पत्र भेजा है.
जल और चिकित्सा जांच शुरू
गांव में स्वास्थ्य जांच के लिए मेडिकल टीमें पहुंची और पीएचईडी (Public Health Engineering Department) ने पानी के नमूने इकट्ठा किए. क्षतिग्रस्त जल टैंक की मरम्मत का काम भी शुरू कर दिया गया है.
राजीव रोशन ने इंडिया टुडे से कहा कि पानी के नमूनों की जांच मुंगेर और पटना में की जाएगी. मुंगेर से रिपोर्ट अगले दो दिन में, जबकि पटना से रिपोर्ट लगभग एक सप्ताह में मिलेगी. जांच के बाद यह पता लगाया जाएगा कि बीमारी का स्रोत पानी से जुड़ा है या नहीं.
विशेषज्ञ दल करेगी जांच
स्थानीय मेडिकल टीम ने गांव में ऑस्टियोपोरोसिस के मामले दर्ज किए हैं. इसके बाद राष्ट्रीय स्तर की विशेषज्ञ टीम मुंगेर और नेशनल डिज़ीज कंट्रोल काउंसिल से आएगी और जांच करेगी कि गांव में बीमारियों का कारण क्या हो सकता है.
गांववासियों के लिए योजनाएं और सहायता
गांव को अपनाने के फैसले के बारे में राजीव रोशन ने कहा कि पढ़ाई में अच्छे प्रदर्शन करने वाले बच्चों पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. यदि कोई ग्रामीण, विशेषकर भूमिहीन, दूसरे स्थान पर जाना चाहता है तो सभी सरकारी योजनाओं का लाभ उनके लिए लागू किया जाएगा. उन्होंने व्यक्तिगत रूप से यह वॉर्ड अपनाने और बीमारियों से पीड़ित लोगों को राहत दिलाने का आश्वासन दिया.
ग्रामीणों में उम्मीद जगी
गांव के कई निवासियों के लिए यह पहली बार था जब सरकारी अधिकारी उनके घर पहुंचे. राजेंद्र मुर्मू ने कहा, 'आपके आने के बाद सभी जानते हैं कि अब हमारा इलाज शुरू होगा. हमारे गांव में कई लोग हाथ-पैर में दर्द से परेशान हैं, कुछ खड़े या चल भी नहीं सकते.'
सूर्य नारायण मुर्मू ने कहा, 'आपके चैनल पर खबर आने के बाद सभी अधिकारी हमारे पास जानकारी लेने आए. इससे पहले कभी कोई अधिकारी या मीडिया नहीं आया था, लेकिन अब हमें उम्मीद है कि हमारे गांव की समस्याओं का समाधान होगा.'
गांववासी अब उम्मीद कर रहे हैं कि उनकी स्वास्थ्य समस्याओं का समाधान जल्द होगा और उनका कष्ट समाप्त होगा. अधिकारी और विशेषज्ञ दल अपनी जांच पूरी करने के बाद बीमारी के वास्तविक कारण का पता लगाएंगे.
श्रेया सिन्हा / गोविंद कुमार