बिहार के मोतिहारी के चकिया प्रखंड के कुआवा गांव में शनिवार को माहौल तनावपूर्ण हो गया. शरारती तत्वों ने गांव के सैकड़ों घरों की दीवारों पर आपत्तिजनक पोस्टर चस्पा कर दिया. पोस्टर में “6 दिसंबर 1992 कहीं हम भूल न जाए” संदेश के साथ बाबरी मस्जिद की तस्वीर लगी हुई थी. घटना सामने आने के बाद ग्रामीणों में भारी गुस्सा फैल गया और बड़ी संख्या में लोग विरोध में उतर आए.
दीवारों पर लगाए गए पोस्टर से भड़के ग्रामीण
ग्रामीणों ने जब सुबह घरों की दीवारों पर लगे इस पोस्टर को देखा तो आक्रोश फैल गया. लोगों ने मौके पर हंगामा करते हुए पुलिस प्रशासन से कार्रवाई की मांग की. इस दौरान कुछ ग्रामीणों और पुलिस के बीच नोकझोंक भी हुई. हालांकि समझाने-बुझाने के बाद सभी को शांत कराया गया.
पुलिस पहुंची, पोस्टर हटाए गए
सूचना मिलने पर चकिया थाने की पुलिस, डीएसपी और अन्य अधिकारी गांव पहुंचे. मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने बताया कि पोस्टर का उद्देश्य समाज में तनाव फैलाना और सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ना था. पुलिस अधिकारियों ने ग्रामीणों को उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया और घरों पर लगे सभी पोस्टर हटवा दिए.
पिछले दिनों पीएफआई मामले से भी सुर्खियों में रहा गांव
कुआवा गांव इससे पहले भी चर्चा में रहा है. इसी गांव से कुछ महीने पहले पीएफआई के मास्टरमाइंड रियाज महरूफ की गिरफ्तारी हुई थी. रियाज ने अयोध्या ले जाए जा रहे शिलापट्ट को लेकर सोशल मीडिया पर कई धमकी भरी पोस्ट की थीं. अब फिर इस गांव में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश की गई है.
पुलिस ने की जांच, एक युवक गिरफ्तार
घटना के बाद पुलिस ने आसपास के इलाकों में खोजबीन शुरू कर दी. सूत्रों के मुताबिक पुलिस ने एक व्यक्ति को हिरासत में लिया है, जो इस जिले का रहने वाला नहीं बताया जा रहा है. हालांकि मोतिहारी एसपी स्वर्ण प्रभात ने घटना की पुष्टि करते हुए कैमरे पर कुछ कहने से मना कर दिया, लेकिन उन्होंने जांच जारी रहने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की बात कही.
सचिन पांडेय