दिल्ली में प्रदूषण एक बड़ी समस्या है और इस समस्या से हर साल आम आदमी परेशान होता है, लेकिन प्रदूषण को कम करने के लिए एनजीटी यानी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने 2021 में यह फैसला दिया था कि दिल्ली में 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल की गाड़ियां नहीं चला सकेंगे. इसी कड़ी में बिग बॉस फेम तहसीन पूनावाला की कार ट्रांसपोर्ट विभाग ने उनके घर के नीचे से उठा ली. इस पर पूनावाला ने ट्विटर पर लिखा और कहा कि उनकी गाड़ी कवर्ड पार्किंग में खड़ी है और वो इस पुरानी गाड़ी को चलाते भी नहीं हैं.
कौन सा विभाग उठा रहा है गाड़ी?
NGT के आदेश का पालन करते हुए दिल्ली सरकार के ट्रांसपोर्ट विभाग को इस ऑर्डर का पालन करना था, लेकिन दिल्ली सरकार के ट्रांसपोर्ट विभाग ने इस ऑर्डर पर कई एजेंसियों जैसे MCD, दिल्ली ट्रैफिक पुलिस को भी शामिल किया, ताकि जल्द से जल्द पुरानी गाड़ियों को हटाया जा सके. अप्रैल 2023 तक दिल्ली नगर निगम की टीमें कॉलोनियों और सोसाइटी में खड़ी पुरानी गाड़ियों को उठाने का काम कर रही थी, लेकिन अब इस ड्राइव को दिल्ली सरकार का ट्रांसपोर्ट विभाग भी कर रहा है. दिल्ली ट्रांसपोर्ट विभाग की एनफोर्समेंट टीमें कॉलोनियों में सड़कों के किनारे और बाजारों के पार्किंग लॉट्स में खड़ी पेट्रोल की 15 साल पुरानी और डीजल की 10 साल पुरानी गाड़ियों को जब्त कर रही हैं. इसी सिलसिले में साउथ दिल्ली के पॉश ग्रेटर कैलाश इलाके में पहुंची एनफोर्समेंट की एक टीम ने सड़क किनारे खड़ी एक कवर्ड गाड़ी जब्त कर ली. वह गाड़ी 'बिग बॉस' फेम, युवा सोशल और पॉलिटिकल एनलिस्ट तहसीन पूनावला की थी, जो इसी इलाके में रहते हैं. गाड़ी घर के पास ही स्थित उनके दफ्तर के बाहर एक जगह खड़ी थी. जब पूनावाला को इस बारे में सूचना मिली, तो वह तुरंत मौके पर पहुंचे, तब तक एनफोर्समेंट टीम उनकी गाड़ी को क्रेन से उठा चुकी थी.
सरकार ने जारी किया क्लियरिफिकेशन ऑर्डर
ट्रांसपोर्ट विभाग की ओर से 27 जून 2023 को जारी किए निर्देश में गाड़ियों की समय सीमा समाप्त होने के मुद्दे पर एक क्लियरिफिकेशन ऑर्डर जारी किया गया था. इसके मुताबिक उन्हीं गाड़ियों की समय सीमा समाप्त मानी जाएगी, जिनका वैलिड रजिस्ट्रेशन एक्सपायर हो चुका है या जो गाड़ियां फिटनेस टेस्ट को फेल कर गई हैं. इसमें ये भी कहा गया था कि दिल्ली-NCR से ऐसी गाड़ियों को उठाया जा सकता है, जिन गाड़ियों को NOC मिलने के एक महीने के बाद भी दिल्ली-NCR की सीमा क्षेत्र से बाहर नहीं ले जाया गया है. साथ ही ऐसी गाड़ियां सड़क पर चलते हुए या सार्वजनिक क्षेत्र में पार्क की हुई पाई जाती हैं, तो उन पर कार्रवाई की जाएगी. हालांकि ट्रांसपोर्ट विभाग की ओर से इस ऑर्डर में इस बात का जिक्र कहीं नहीं किया गया कि जिन गाड़ियों की आरसी किसी दूसरे राज्य में वैलिड है, क्या उन गाड़ियों को भी दिल्ली में स्क्रैप करने के लिए उठाया जा सकता है?
क्यों जारी करना पड़ा क्लियरिफिकेशन ऑर्डर ?
दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने मई के शुरुआती हफ्ते में अपने विभाग को नोटिस जारी करते हुए कहा था कि पार्किंग में खड़ी गाड़ियों को, जिनकी समय सीमा पूरी हो चुकी है, जबरदस्ती उठाने और स्क्रैप के लिए भेजने की कार्रवाई को तत्काल प्रभाव से बंद किया जाना चाहिए. गहलोत ने कहा था कि पार्किंग में खड़ी गाड़ियों को जबरदस्ती उठा ले जाना किसी भी कानून के मुताबिक जायज़ नहीं है. उन्होंने कहा कि विभाग को उन वाहनों के खिलाफ कार्रवाई करने का अधिकार है, जो सड़कों पर चल रहे हैं, लेकिन किसी पार्क किए गए वाहन को जबरदस्ती खींचकर ले जाने की अनुमति नहीं है और इसे तुरंत बंद करने की जरूरत है, लेकिन इसके बाद ट्रांसपोर्ट विभाग ने 27 जून को क्लियरफिकेशान ऑर्डर जारी किया था.
क्या नियम है एनजीटी का?
एनजीटी के सीनियर एडवोकेट गौरव बंसल के मुताबिक एनजीटी का जो आदेश है, उसमें विंटेज कार को छूट दी गई है लेकिन अगर आपकी गाड़ी की आरसी वैलिडिटी है और आपकी गाड़ी 15 साल पुरानी है, तब भी ट्रांसपोर्ट विभाग आपकी गाड़ी को उठा सकता है. फिर चाहे वो कार घर के बाहर खड़ी और या फिर सड़क के किनारे. गौरव बंसल के मुताबिक अगर आपको अपनी गाड़ी सेफ करनी है तो आप स्क्रैप यूनिट में जाकर अपनी गाड़ी जमा करा सकते हैं और उसके बदले आपको अमाउंट भी मिलेगा. इसके अलावा आप कंपनी में जाकर एक्सचेंज भी करा सकते हैं.
RWA ने जताई नाराजगी
दिल्ली की अलग-अलग आरडब्लूए इस फैसले पर अलग-अलग प्रतिक्रिया सामने आ रही हैं. ईस्ट दिल्ली आरडब्ल्यूए फेडरेशन के अध्यक्ष बीएस वोहरा के मुताबिक 15 साल पुरानी पेट्रोल और 10 साल पुरानी डीजल गाड़ी अगर सड़कों पर चल रही हैं तो उन पर निश्चित तौर पर कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन अगर कोई गाड़ी किसी घर के अंदर पार्किंग में खड़ी है तो उसको हटाना गलत है. साथ ही बीएस वोहरा के मुताबिक सरकार का यह दोहरा मापदंड है कि दिल्ली में आज भी 14 साल पुरानी बसें सड़कों पर चल रही हैं. जिनकी वैलिडिटी खत्म हो चुकी है क्या उनको भी स्क्रैप में नहीं जाना चाहिए.
सुशांत मेहरा