राजधानी दिल्ली में 1 जनवरी 2022 से 10 साल पुराने डीजल वाहनों का रजिस्ट्रेशन निरस्त करने की प्रक्रिया शुरू होगी. जबकि राजधानी से सटे जनपद गौतमबुद्ध नगर के आरटीओ ने बताया कि वो एनजीटी के आदेश पर 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल व CNG गाड़ियों पर कार्रवाई कर रहे हैं. जो लोग अपने वाहन की फिटनेस चेक कराकर NOC नहीं लेते हैं, उनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर दिया जाएगा.
गौतमबुद्ध नगर के आरटीओ अधिकारी ए.के. पांडेय ने बताया कि NCR में NGT के आदेश पर कार्रवाई की जा रही है. हमारा जनपद गौतमबुद्ध नगर भी एनसीआर क्षेत्र में ही आता है तो हम भी एनजीटी के आदेशानुसार लगातार काम कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि वाहनों को ट्रैफिक पुलिस द्वारा और आरटीओ ऑफिस के कर्मचारियों द्वारा जांच की जा रही है. जिस वाहन की एनओसी नहीं है, उसके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.
15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों पर एक्शन
संभागीय परिवहन अधिकारी ने नोएडा पुलिस को यह जानकारी मुहैया करा दी है और नोएडा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों ने ट्रैफिक पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि 1 जनवरी के बाद बिना एनओसी के आ रहे वाहन के खिलाफ चेकिंग की जाए. इन पुरानी गाड़ियों को उत्तर प्रदेश के 33 जिलों में रजिस्टर कराया जा सकता है.
ऐसे में आरटीओ ने साफ किया है कि अगर वाहन मालिक अपनी गाड़ी बेच रहा है तो ये कागजात जरूर संभाल कर रखें, ताकि आरटीओ से कॉल आने पर सारी जानकारी दे सके. अगर आपकी कार नहीं बिकी तो वह शहर में नहीं चलाई जा सकती. ऐसे में कार को स्क्रैप में ही भेजना होगा.
इसी तरह प्रदूषण फैलाने वाले पुराने वाहनों पर नकेल कसते हुए दिल्ली सरकार ने उन सभी डीजल वाहनों का पंजीकरण रद्द करने का फैसला किया है, जो 1 जनवरी, 2022 को 10 साल पूरे कर चुके हैं या पूरे होने वाले हैं. यह कदम नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के आदेश के पर उठाया गया है.
दूसरे राज्यों में बेच सकते हैें ऑनर
दिल्ली में रजिस्टर्ड 10 साल पुरानी डीजल वाहन को ट्रांसफर या बेच सकते हैं. लेकिन ये वाहन आप दिल्ली में रहने वाले किसी शख्स को नहीं बेच सकते हैं. कुछ खास राज्यों और शहरों में रहने वालों को ही ये वाहन बेचा जा सकता है. इसके लिए आपको दिल्ली परिवहन विभाग से एनओसी लेना अनिवार्य होगा. दिल्ली परिवहन विभाग की तरफ से जारी एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) राजस्थान और मेघालय के सभी जिलों में मान्य है. साथ ही बिहार के 18 जिलों में यह एनओसी मान्य होगी.
परिवहन विभाग ने यह भी साफ कर दिया है कि दिल्ली में बाहरी राज्यों से पुरानी गाड़ियां को आने की इजाजत नहीं दी जाएगी. ऐसी गाड़ियों को पकड़े जाने पर चालान किया जाएगा. दरअसल दिल्ली परिवहन विभाग ने दिल्ली के पुराने वाहनों को कबाड़ में बदलने के लिए पांच कंपनियों को ठेका दिया है.
तनसीम हैदर