आधे से भी कम कीमत पर सोलर पंप लगवाने का मौका, इस तारीख से पहले कर दें आवेदन

हरियाणा सरकार ने प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा एवं सुरक्षा तथा उत्थान महाभियान (PM-Kusum) के तहत 3 से 10 HP बिजली आधारित कृषि ट्यूबवेल पर 75 प्रतिशत तक की सब्सिडी देने का फैसला किया है. सरकार ने इस सब्सिडी का लाभ लेने के लिए ऑनलाइन आवेदन भी मांगे हैं.

Advertisement
Solar Pump Solar Pump

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 5:21 PM IST

फसलों की सिंचाई किसानों के लिए हमेशा से एक मुख्य समस्या रही है. समय से फसलों को पानी नहीं मिल पाने के चलते उनका उत्पादन प्रभावित होता है. इसका सीधा असर किसानों के मुनाफा पड़ पड़ता है. किसानों को इसी समस्या से छुटकारा दिलाने के लिए हरियाणा सरकार अपने यहां के किसानों के खेतों में सोलर पंप लगाने का फैसला किया है. सोलर पंप में आने वाले खर्च का आधे से ज्यादा यानी 75 प्रतिशत भुगतान राज्य सरकार करेगी. सरकार ने इसके लिए किसानों को ऑनलाइन आवेदन करने का भी निर्देश दिया था जिसकी आखिरी तारीख 12 जुलाई है.

Advertisement

यहां आवेदन करें किसान

 हरियाणा सरकार ने एक कदम आगे बढ़ते हुए प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा एवं सुरक्षा तथा उत्थान महाभियान (PM-Kusum) के तहत 3 से 10 HP बिजली आधारित कृषि ट्यूबवेल पर 75 प्रतिशत तक की सब्सिडी देने का फैसला किया है. सोलर पंप पर सब्सिडी पाने के लिए किसानों को आधिकारिक वेबसाइट pmkusum.hareda.gov.in पर जाकर 12 जुलाई तक आवेदन करना होगा. 

खेती-किसानी के लागत में आएगी कमी

प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत किसानों के खेतों में सरकार सब्सिडी पर सोलर पंप लगवाती है. दरअसल, अधिकतर किसान फसलों की सिंचाई बिजली या फिर डीजल पंपसेट के माध्यम से करते थे. इसमें किसानों को खर्च भी काफी आता है. ऐसे में किसानों की फसल की लागत बढ़ जाती है. साथ ही उन्हें उम्मीद के मुताबिक मुनाफा नहीं मिल पाता है. सोलर पंप सूरज की रोशनी से संचालित होगा. ऐसे में किसानों को फसल पर अतिरिक्त लागत लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी.

Advertisement

क्या है पीएम कुसुम योजना?

प्रधानमंत्री कुसुम योजना के तहत सरकार की ओर से किसानों को 60 प्रतिशत तक की सब्सिडी पर सोलर पंप मुहैया कराया जाता रहा है. सरकार अपने खेतों के आसपास सोलर पंप संयंत्र स्थापित करने के लिए लागत के 30 प्रतिशत तक का लोन उपलब्ध कराती है. इस हिसाब से किसानों को इस प्रोजेक्ट की केवल 10 प्रतिशत राशि खर्च करनी होती है. हालांकि, हरियाणा में राज्य सरकार के सहयोग से किसानों को ये सब्सिडी 75 प्रतिशत तक मिल रही है.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement