पंजाब और हरियाणा में खेतों में पराली जलाने की घटनाओं में तेजी से इजाफा हुआ है. इसका असर दिल्ली-एनसीआर की हवाओं पर पड़ा है. पराली जलाने के कारण हवा में बढ़े प्रदूषण के स्तर के बीच बीते दिनों सांस लेना मुश्किल हो गया था. इस बीच सरकार अपने स्तर पर इस प्रदूषण को कम करने के लिए तमाम उपाय अपना रही है. किसानों को खेतों में पराली न जलाने के लिए भी जागरुक किया जा रहा है, फिर भी पराली की घटनाएं रुक नहीं रही हैं.
इन जगहों पर पराली मिल रहे हैं इतने रुपये
हरियाणा सरकार भी अपने यहां के किसानों को पराली न जलाने की हिदायत दे रही है. सरकार किसानों द्वारा इथेनॉल संयंत्रों को पराली सौंपने पर 2000 रुपये प्रति एकड़ मुहैया करा रही है. वहीं, गौशालाओं को ये पराली देने पर किसानों को 1500 रुपये प्रति एकड़ दिए जा रहे हैं. साथ ही खट्टर सरकार ने खेतों में आग न लगाने वाले किसानों को नगद पुरस्कार मुहैया कराने की बात कही है.
इससे पहले लिए गए थे ये फैसले
इससे पहले हरियाणा सरकार ने पराली न जलाने वाले किसानों को प्रति एकड़ 1 हजार रुपये देने का ऐलान किया था. साथ ही फसल अवशेष प्रबंधंन की मशीनों पर 50 प्रतिशत तक की सब्सिडी किसानों को दी जा रही है. कस्टम हायरिंग सेंटर पर इन मशीनों को खरीदने के लिए 80 प्रतिशत तक की सब्सिडी दी जा रही है. इसके अलावा पराली की गांठे बनाने वाली मशीनों पर भी सब्सिडी मिल रही है. साथ ही राज्य में किसानों को अब तक 2.5 लाख पूसा डिकंपोजर किट उपलब्ध कराए गए हैं.
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