देश के कई हिस्से इन दिनों पानी की भारी किल्लत से जुझ रहे हैं. फसलों की सिंचाई का पारंपरिक तरीका इस दिक्कत को और भी बढ़ा रहा है. ऐसे में सिंचाई की ड्रिप इरिगेशन तकनीक किसानों के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो रही है. ये तकनीक ना सिर्फ पानी और उपज को बर्बाद होने से बचाती है, बल्कि उत्पादकता में भी इजाफा होता है.
यहां आवेदन करें किसान
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत ड्रिप सिंचाई तकनीक का लाभ उठाने के लिए बिहार सरकार ने किसानों से आवेदन मांगे हैं. अगर आप बिहार के किसान हैं और अपने खेतों में ड्रिप सिंचाई सिस्टम इंस्टॉल करना चाहते हैं तो आपको इसपर तकरीबन 90 प्रतिशत की सब्सिडी मिलेगी. आप इस अनुदान के लिए बिहार उद्यान निदेशालय के ऑफिशियल वेबसाइट horticulture.bihar.gov.in पर विजिट कर आवेदन कर सकते हैं. इसके अलावा पने जिले के कृषि विभाग के कार्यालय में सहायक निदेशक से संपर्क कर भी इस योजना का लाभ ले सकते हैं.
अन्य जानकारियों के लिए यहां संपर्क कर सकते हैं किसान
किसान इस योजना जुड़ी किसी भी जानकारी के लिए सहायक निदेशक (उद्यान), प्रखंड उद्यान पदाधिकारी या निबंधित कंपनी से भी संपर्क किया जा सकता है. इसके अलावा किसान हेल्पलाइन नंबर- 1800-180-1551 पर भी कॉल कर सकते हैं.
क्या होती है ड्रिप सिंचाई
ड्रिप सिंचाई जिसे टपक सिंचाई भी कहते हैं. इस विधि में बूंद-बूंद के रूप में फसलों के जड़ क्षेत्र तक एक छोटी व्यास की प्लास्टिक पाइप से पानी प्रदान किया जाता है. ड्रिप सिंचाई विधि से फसलों की उत्पादकता में 20 से 30 प्रतिशत तक अधिक लाभ मिलता है साथ ही 60 से 70 प्रतिशत तक पानी की बचत होती है. ऐसा होने से फसल की उपज कम हुई है. इस तरह की स्थिति में कम पानी के उपयोग के चलते किसानों के लिए ड्रिप और स्प्रिकलर सिंचाई की तकनीक बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है.
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