Government Scheme: इस राज्य में किसानों की इनकम होगी बूस्ट, मखाना के बीजों पर सरकार दे रही 72 हजार रुपये

बिहार बागवानी विभाग मखाना के उच्च प्रजाति के बीज का प्रत्यक्षण के लिए सरकार 75% अनुदान देती है. किसान ,बिहार बागवानी विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर विजिट कर मखाना के बीजों पर सब्सिडी के लिए आवेदन कर सकते हैं.

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Makhana farming Makhana farming

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 14 मई 2023,
  • अपडेटेड 2:33 PM IST

भारत कृषि प्रधान देश है. यहां हर राज्य में अलग-अलग तरह की फसलें उगाई जाती हैं. कुछ फसलें ऐसी हैं जो कम लागत में अच्छा मुनाफा दे जाती हैं. मखाना भी इसी तरह की एक फसल है. बिहार में बड़े पैमाने पर इसकी खेती की जाती है. किसानों की आय बढ़ाने के लिए सरकार मखाने की खेती और उसके बीजों पर बंपर सब्सिडी मुहैया करा रही है.

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मखाना के बीजों पर 75 प्रतिशत की सब्सिडी

बिहार बागवानी विभाग मखाना के उच्च प्रजाति के बीज का प्रत्यक्षण हेतु सरकार 75% अनुदान देती है. प्रति हेक्टेयर इन बीजों की इकाई लागत 97 हजार रुपये हैं. ऐसे में सरकार द्वारा किसानों को मखाना के बीजों पर प्रति हेक्टेयर 72,750 रुपये की सब्सिडी दी जाती है.  इसके लिए किसान बिहार बागवानी विभाग की ऑफिशियल वेबसाइट पर विजिट कर मखाना के बीजों पर सब्सिडी के लिए आवेदन कर सकते हैं.

मखाना प्रसंस्करण उद्योग पर भी सरकार देती है सब्सिडी

बिहार सरकार किसानों को मखाना प्रसंस्करण उद्योग लगाने के लिए भी सब्सिजी देती है. सरकार द्वारा जारी एडवाइजरी के मुताबिक, व्यक्तिगत निवेशकों के लिए 15% तो किसान उत्पादक संगठन (एफपीओ/एफपीसी) के लिए 25% तक की आर्थिक मदद की जाएगी.

मखाना की खेती के लिए ऐसी जगहें उपयुक्त

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अगर आप मखाना की खेती करना चाहते हैं तो सबसे पहले जगह का चुनाव कर लें. जलाशयों, तालाबों निचली जमीन में रुके हुए पानी को इसकी खेती के लिए चुनें. मखाना की खेती करने वालों के लिए ऐसी स्थिति काफी फायदेमंद है. चिकनी दोमट मिट्टी भी इसकी खेती के लिए उपयुक्त है.

धान के साथ भी की जा सकती है मखाना की खेती

बता दें की मखाना की खेती धान के साथ भी की जा सकती है. दोनों ही फसलों को पानी की अत्याधिक जरूरत पड़ती है. ऐसे में दोनों की उपज साथ में हासिल करके किसान डबल मुनाफा कमा सकते हैं.

 

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