किसानों को यहां मिलते हैं 5 लाख रुपये, जानें कैसे होता है चयन

Mukhyamantri Pragatisheel Kisan Samman Yojana: इस योजना के तहत प्रगतिशील किसानों को  प्रथम, द्वीतीय व तृतीय स्तर पर क्रमश: 5 लाख, तीन लाख व 1 लाख रुपए दिए जाते हैं. पहला पुरस्कार एक किसान, दूसरा दो किसान और तीसरा पांच किसानों को मिलेगा. इसके अलावा जिला स्तर पर भी 4 सांत्वना पुरस्कार भी दिया जाता है.

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Mukhyamantri Pragatisheel Kisan Samman Yojana Mukhyamantri Pragatisheel Kisan Samman Yojana

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 25 अगस्त 2022,
  • अपडेटेड 2:08 PM IST

Mukhyamantri Pragatisheel Kisan Samman Yojana: खेती-किसानी की तरफ किसानों की रुचि बढ़े, सरकार इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार द्वारा विभिन्न तरीके से किसानों को प्रोत्साहित करती है. प्रगतिशील किसानों को इसके लिए पुरस्कार भी दिया जाता है. हरियाणा सरकार भी मुख्यमंत्री प्रगतिशील योजना के तहत अपने राज्यों के किसानों को अधिक से अधिक खेती-किसानी में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.

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दिए जाते हैं इतने रुपये का पुरस्कार

बता दें कि इस योजना के तहत प्रगतिशील किसानों को  प्रथम, द्वीतीय व तृतीय स्तर पर क्रमश: 5 लाख, तीन लाख व 1 लाख रुपए दिए जाते हैं. पहला पुरस्कार एक किसान, दूसरा दो किसान और तीसरा पांच किसानों को मिलेगा. इसके अलावा जिला स्तर पर भी 4 सांत्वना पुरस्कार भी दिया जाता है.

इस पुरस्कार के लिए वही किसान चुने जाते हैं जो खेती में नए-नए प्रयोग करते रहते हैं, इसके अलावा कम पानी में खेती, फसल अवशेष प्रबंधन पर ध्यान देता हो, जैविक और प्राकृतिक खेती करता हो.

कैसे होता है चयन

मुख्यमंत्री प्रगतिशील किसान सम्मान योजना के लिए चयन के लिए राज्य स्तर पर कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के महानिदेशक और जिला स्तर पर उपायुक्त की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया जाता है. आवेदकों पर गौर करने के बाद ये कमेटी पुरस्कारों के लिए चयनित किए गए किसानों का नाम जारी करती है.

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बड़े स्तर पर लोगों का कृषि से मोहभंग हुआ

बता दें कि पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि किसानों के बीच खेती-किसानों को लेकर मोहभंग काफी बढ़ा है. बड़ी संख्या में कृषि क्षेत्र से लोग अलग हुए हैं. इसका सबसे बड़ा असर घटते हुए आनाज उत्पादन पर दिखाई देता है. ऐसे में सरकार इस तरह की योजनाओं के माध्यम से किसानों को कृषि क्षेत्र से बांधे रखना चाहती है. प्राकृतिक खेती का चलन बढ़े इस वजह से भी किसानों को ये पुरस्कारें दी जाती हैं.

 

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