Co-cropping farming: परंपरागत खेती में लगातार होते नुकसान ने किसानों से लेकर सरकार तक को परेशान कर रखा है. खेती-किसानी से किसानों का मोहभंग न हो, इसके लिए सरकार कई योजनाओं के तहत आर्थिक तौर पर मदद देने का काम करती है. इन दिनों सरकार की तरफ से किसानों को खेती में सहफसली तकनीक अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता रहा है. विशेषज्ञों के अनुसार, ऐसा करने के मिट्टी की उत्पादकता तो बढ़ेगी ही, साथ में मोनो क्रॉपिंग तकनीक की खेती के मुकाबले मुनाफा भी दोगुना हो जाएगा.
सहफसली खेती क्यों फायदेमंंद
विशेषज्ञों के मुताबिक किसानों के लिए सहफसली की खेती बेहद फायदेमंद है. लंबी अवधि के पौधों के साथ किसानों को छोटी अवधि वाले पौधे लगाने का प्रयोग जरूर करने चाहिए. ऐसा करने से किसानों की मुख्य फसल के साथ-साथ अन्य फसलों की लागत भी निकल आएगी और मुनाफा दोगुना हो जाएगा.
धान की फसल के साथ इन पौधों को लगाएं
कृषि वैज्ञानिक डॉ दयाशंकर श्रीवास्तवा सलाह देते हैं कि धान की खेती करने वाले किसानों को खेतों के बॉर्डर पर नेपियर घास लगाना चाहिए, इसके अलावा उन्हें उसके बगल में कोलस पौधों को लगाना चाहिए. अगर आप पशुपालन करते हैं तो नेपियर घास को पशुओं के आहार के तौर पर उपयोग दुग्ध उत्पादन बढ़ा कर बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं. इसके अलावा कोलस पौधे भी बाजार में अच्छी कीमतों पर बिकते हैं, जिससे किसानों की आय निश्चित तौर पर दोगुनी होगी.
गन्ने, मक्के और अरहर, सूरजमुखी के साथ लगाएं ये फसल
बता दें कि पंजाब कि हरियाणा और उत्तर भारत समेत कई राज्यों किसानों में आत्महत्या की प्रवृत्ति बढ़ी है.खेती में लगातार नुकसान इसके पीछे है. फसल विविधिकरण नहीं अपनाने से जमीन की उत्पादकता निचले स्तर पर है. भूजल स्तर भी गिर गया है. ऐसे में किसानों के सामने सहफसली खेती एक बढ़िया विकल्प निकल कर सामने आया है.
दयाशंकर श्रीवास्तवा कहते हैं कि सितंबर से गन्ने की बुवाई की शुरुआत हो जाएगी. गन्ना एक लंबी अवधि वाला पौधा है. इसके हर पौधे के बीच बीच में ठीक-ठाक स्पेस होता है. ऐसे में किसान इन पौधों के बीच लहसुन, हल्दी, अलसी, अदरक और मेंथा जैसी फसलों को लगा सकते हैं. इन सबके अलावा किसान मक्के की फसल के साथ दलहन और तिलहन की फसलें लगाकर बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं. वहीं अगर आप सूरजमुखी या अरहर की खेती करते हैं तो भी आपके पास सहफसली तकनीक अपना कर बंपर मुनाफा कमाने का विकल्प मौजूद है.
अपनाएं इंटीग्रेटेड फार्मिंग
दयाशंकर श्रीवास्तव सहफसली खेती के साथ-साथ इंटीग्रेटेड फार्मिंग अपनाने की सलाह भी देते हैं. दरअसल इंटीग्रेटेड फार्मिंग के तहत किसान एक साथ कई फसलों की खेती कर सकते हैं. उन्हीं खेतों के बगल में आप मूर्गी पालन से लेकर मछली पालन तक का व्यवसाय शुरू कर सकते हैं. ऐसा करने किसान कम जगह में कम खेती से बढ़िया मुनाफा हासिल कर सकते हैं.
सचिन धर दुबे