Success Story: 20 साल विदेश में रहने के बाद बिहार लौटकर की मखाने की खेती, सैकड़ों लोगों को दिया रोजगार

बिहार के मिथिला में मखाने की खेती सालों से होती आ रही है. बिहार के रहने वाले मनीष आनंद ने 20 साल विदेश में रहने के बाद भारत में आकर मखाने की खेती शुरू की. आज इनके बिजनेस की वजह से सैकड़ों लोगों को रोजगार मिला है.

Advertisement
fox nuts business fox nuts business

नीतू झा

  • नई दिल्ली,
  • 22 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 1:08 PM IST

Farmer Success Story: आज के समय में बिहार सहित असम, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और ओडिशा के किसान मखाने की खेती कर रहे हैं. कुछ साल पहले तक सिर्फ पूजा-पाठ या खीर में उपयोग होने वाला मखाना आज दुनियाभर में हेल्दी स्नैक्स के रूप में मशहूर है. कुछ लोग मखाने को ड्राई फ्रूट की तरह भी इस्तेमाल करने लगे हैं. डॉक्टर भी अच्छी सेहत के लिए मखाने खाने की सलाह देते हैं.  आज आपको बिहार के एक ऐसे किसान की सक्सेस स्टोरी बताते हैं. जिन्होंने 20 साल विदेश में रहने के बाद अपने देश भारत आकर मखाने की खेती शुरू की और आज के समय में उन्होंने सैकड़ों लोगों को रोजगार दिया है.  

बिहार से विदेशों में एक्सपोर्ट होता है 80 फीसदी मखाना
देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वोकल फॉर लोकल मुहिम की शुरुआत की. इसके जरिए आज हर शहर हर राज्य में लोग रोजगार सृजन करने लगे है. प्रधानमंत्री की इस मुहिम में हर राज्य अपनी भागीदारी निभा रहा है. इसी के तहत बिहार के रहने वाले मनीष आनंद ने मखाने की खेती करनी शुरू की. बिहार के मिथिला रीजन के मखाने दुनिया भर में एक्सपोर्ट होते हैं. ऐसा भी कहा जाता है कि दुनिया भर में इस्तेमाल होने वाले मखाना का 80 फीसदी हिस्सा बिहार से ही जाता है. मखाने की खेती के लिए सबसे महत्वपूर्ण पानी ही होता है.

Advertisement

सैकड़ों की तादाद में लोगों को दिया रोजगार
मनीष आनंद ने दुनिया भर के अलग-अलग देशों में रहकर काम किया है. 20 साल भारत से बाहर रहने के बाद जब वह देश लौटे तो उन्होंने अपने पैतृक गांव में मखाने की खेती शुरू कर दी. इस खेती के जरिए उन्होंने फॉर्म टू प्लैटर की शुरुआत की. जिसमें उन्होंने इंडस्ट्री सेटअप किया और वहां पर सैकड़ों की तादाद में लोगों को रोजगार दिया. खास बात यह है कि उनके यहां महिलाओं की संख्या पुरुषों से ज्यादा है.

सरकार कर रही काफी समर्थन
आज के समय में दुनिया भर में मखाने की काफी डिमांड है. मांग की तुलना में मखाने की पैदावार बहुत कम है. यही वजह है कि बात चाहे राज्य सरकार की हो या केंद्र सरकार, दोनों ही मखाने की खेती को लेकर काफी एक्टिव भी नजर आते हैं. मनीष आनंद बताते हैं कि उन्होंने जब इस बिजनेस की शुरुआत की तो उन्हें सरकार का भी समर्थन मिला है.

हेल्थ के लिए काफी फायदेमंद है मखाना
पहले लोग मखाने का इस्तेमाल सिर्फ खीर बनाने के लिए करते थे. लेकिन इसके बढ़ते इस्तेमाल को देखते हुए लोग इसे स्नैक्स, शेक, खीर बनाने के लिए और ड्राई फ्रूट की तरह भी इसका इस्तेमाल करने लगे हैं. डॉक्टर भी अच्छे सेहत के लिए मखाने खाने की सलाह देते हैं.
 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement