बेमौसम बारिश और ओलावृष्टि से उत्तर प्रदेश के किसानों को भी खासा नुकसान हुआ है. राज्य में गेहूं के साथ-साथ आम के बागों पर भी बारिश की मार पड़ी है. कई जिलों में आम की फसल 50 प्रतिशत तक खराब हो गई है. माना जा रहा है इस बार राज्य में आम का उत्पादन बेहद कम होगा. इसके चलते आवक में भी कमी आएगी, जिससे आम कीमतों में भी भारी इजाफा होने की उम्मीद है.
मुजफ्फरनगर में आम की फसल को भारी नुकसान
मुजफ्फरनगर में आम की खेती करने वाले किसान अनिल कुमार ने बताया कि उनकी 40 प्रतिशत आम की फसल खराब हो चुकी है. आम के बौर नीचे गिर चुके हैं. बाजार में आम महंगा होगा. इस बार आम की फसल सही आई थी. हमें उम्मीद थी कि हम अच्छा मुनाफा कमा लेंगे. हालांकि, अब इस मौसम ने हमें कहीं का नहीं छोड़ा. सरकार से हमारी अपील है कि फसल पर मुझे मुआवजा दिया जाए, ताकि हम अपने बच्चों का पालन पोषण सही तरीके से कर सकें. यहीं के रहने वाले एक अन्य किसान मदन कहते हैं कि हम किराए पर बाग लेकर इस फल की खेती करते हैं. इस बार बहुत भारी नुकसान हो गया है. 60 प्रतिशत आम खत्म हो चुके हैं.
चंदौली में भी किसानों पर पड़ी बारिश की मार
चंदौली के आम उत्पादक किसान बुद्धु सोनकर ने 2 साल के लिए साढ़े आठ लाख रुपए में आम का बगीचा खरीदा था. पिछले साल उन्हें आम की अच्छी पैदावार हासिल नहीं हुई थी. वहीं, इस साल पेड़ पर अच्छे फल लगे थे. उन्हें उम्मीद थी कि पिछले साल का घाटा इस साल पूरा कर लेंगे. अब उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया. ओलावृष्टि के चलते आम के फल पेड़ से टूटकर जमीन पर गिर गए.
बुद्धु सोनकर आगे बताते हैं पिछले साल हम लोगों ने इस बगीचे को साढ़े आठ लाख रुपए में 2 साल के लिए लिया था. दवा छिड़काव से लेकर मजदूरी तक में 5 लाख रुपये खर्च हो चुके हैं. ओलावृष्टि से काफी फल गिर गया. इन गिरे फलों पर एक रुपए किलो का भी भाव नहीं मिलेगा. इन्हें फेंकने के अलावा हमारे पास कोई चारा नहीं रह गया है. अगर यह फल थोड़ा बड़ा होता तो उसकी कीमत मिल जाती.
प्रदेश के अन्य जिलों में आम की फसल को हुआ नुकसान
मुजफ्फरगर और चंदौली के अलावा गोरखपुर, वाराणसी, मऊ, बाराबंकी, बागपत, मेरठ और लखनऊ समेत राज्य के सभी जिलों में आम की फसल को नुकसान की खबरें आ रही है. ऐसे में आम की फसल पर किसानों द्वारा मुआवजे की मांग भी शुरू हो गई है. किसानों का कहना है कि इस बार आम के दाम आसमान छूते नजर आएंगे.
संदीप सैनी / उदय गुप्ता