ठंड-कोहरे में सरसों पर माहू कीट का खतरा, स्टिकी ट्रैप से करें फसल का बचाव, जानें तरीका

Mustard Crop: भारत में जनवरी की ठंड के दौरान सरसों की फसल को माहू नामक कीट से खतरा है. किसान कीटनाशकों के बजाय स्टिकी ट्रैप का उपयोग करके कम खर्च में फसलों को सुरक्षित कर सकते हैं.यह तकनीक कीटनाशकों के दुष्प्रभावों को कम करके पर्यावरण संरक्षण में मददगार साबित होगी.

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ठंड में सरसों की फसल को माहू कीट का खतरा (फाइल फोटो) ठंड में सरसों की फसल को माहू कीट का खतरा (फाइल फोटो)

आजतक एग्रीकल्चर डेस्क

  • नई दिल्ली,
  • 31 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 3:36 PM IST

भारत में साल 2025 में सरसों और रेपसीड की खेती का रकबा रिकॉर्ड 87 लाख हेक्टेयर तक पहुंच गया है. खेत पीले फूलों से भर गए हैं, लेकिन एक बड़ी परेशानी भी मंडरा रही है. सर्दी में सरसों की फसल पर माहू यानी एफिड नाम के कीट का खतरा बढ़ गया है. ये छोटे हरे रंग के कीट सरसों की फसल को बहुत नुकसान पहुंचाते हैं. 
दरअसल, जनवरी में जब आसमान में बादल छाए रहते हैं तो कोहरे के कारण वातावरण में नमी बनी रहती है. तब ये छोटे कीट सरसों के फूलों और नई फलियों का रस चूसकर फसल को नुकसान पहुंचाते हैं. ऐसे में किसान इनसे बचाव के लिए महंगे और जहरीले रसायनों का छिड़काव करते हैं.

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रसायनों का इस्तेमाल क्यों है खतरनाक?
माहू कीट से बचाव के लिए अधिकतर किसान  कीटनाशक (पेस्टिसाइड) दवाइयों का छिड़काव करते हैं. इससे खेती का खर्च तो बढ़ता ही है, साथ ही इनके दुष्प्रभाव भी बहुत हैं. ये पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते हैं. भारत में खाने-पीने की चीजों में कीटनाशकों के अवशेष दूसरे देशों से बहुत ज्यादा पाए जाते हैं. करीब 51% सामान में ये मिलावट होती है.
    
स्टिकी ट्रैप क्या होता है, सरसों के लिए क्यों फायदेमंद? जानिए
रसायनों के दुष्प्रभाव से बचने के लिए 'स्टिकी ट्रैप' एक बिना केमिकल वाली इको-फ्रेंडली आधुनिक तकनीक है. स्टिकी ट्रैप दरअसल एक रंगीन प्लास्टिक या कार्डबोर्ड की शीट होती है, जिस पर दोनों तरफ एक खास चिपचिपा पदार्थ लगा होता है. कीट विज्ञान के अनुसार, हर कीट किसी विशेष रंग की ओर आकर्षित होता है. सरसों का माहू कीट पीले रंग की ओर खिंचा चला आता है. जब किसान अपने खेत में सरसों की फसल से 1-2 फीट की ऊंचाई पर ये पीले स्टिकी ट्रैप लगाते हैं, तो माहू कीट पीले रंग को देखकर उसकी ओर भागते हैं और उस पर लगे गोंद से चिपक कर मर जाते हैं. इस विधि से बिना किसी कीटनाशक के कीटों पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा सकता है.

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पीले स्टिकी ट्रैप कैसे बनाएं?
बाजार में तैयार पीले स्टिकी ट्रैप आसानी से मिल जाते हैं, लेकिन इन्हें घर पर बनाना बहुत सस्ता और आसान है. इसके लिए एक पीली पॉलीथीन शीट, पीला प्लास्टिक या पीला कार्डबोर्ड लें (आकार 1 फीट x 1 फीट या इससे बड़ा). इस पर दोनों तरफ अरंडी का तेल (कैस्टर ऑयल) या पुराना मोबाइल ऑयल (इंजन ऑयल) अच्छी तरह लगा दें. यह तेल चिपचिपा होता है और कीटों को फंसाता है. इसे बनाने में सिर्फ 15-20 रुपये खर्च आता है.

कितने ट्रैप लगाएं?
एक एकड़ सरसों की फसल में 8 से 15 पीले स्टिकी ट्रैप काफी होते हैं. 

कैसे लगाएं?

  • ट्रैप को फसल के पौधों से 1-2 फीट ऊपर बांस या लकड़ी की छड़ी पर बांधें.
  • इन्हें खेत में चारों तरफ फैलाकर लगाएं, ताकि कीट जहां से भी आएं, फंस जाएं.

देखभाल कैसे करें?

  • हर 20-25 दिन में ट्रैप चेक करें. जब यह कीटों से पूरी तरह भर जाए तो नया ट्रैप लगा दें.
  • ट्रैप को हमेशा फसल की ऊंचाई से थोड़ा ऊपर रखें, क्योंकि फसल बढ़ती रहती है.

इस तरीके से कीटनाशकों पर होने वाला खर्च 70% तक कम हो सकता है.

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