देश में कई किसानों को फसल की सिंचाई के लिए काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. बड़ी संख्या में किसान सिंचाई के लिए पानी की कमी, बिजली, कृषि पंप जैसी समस्याओं से जूझते हुए खेती कर फसल उगाते हैं. इन व्यवस्थाओं को बनाने में ही उनकी सारी ऊर्जा लग जाती है. सिंचाई को लेकर अक्सर किसान बिजली कनेक्शन ना मिलने की शिकायत भी करते हैं. लेकिन, मध्य प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में किसानों की यह समस्या अब दूर होने जा रही है.
मध्य प्रदेश में मध्य क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी अपने कार्य क्षेत्र में किसानों को मात्र 5 रुपये में स्थायी कृषि पंप कनेक्शन उपलब्ध कराने जा रही है. बिजली कंपनी के अनुसार, कृषि पम्पों के कनेक्शनों की संख्या बढ़ाने के लिए बिजली लाइन के करीब खेत वाले किसानों को सुविधानुसार आसानी से स्थाई कृषि पंप कनेक्शन दिया जाएगा.
ऐसे करना होगा आवेदन
मध्य प्रदेश विद्युत नियामक आयोग की तरफ से जारी नियमों के अनुसार, अब लो टेंशन (एलटी) पोल से उपभोक्ताओं द्वारा स्थापित होने वाली सर्विस लाइन में सुरक्षा नियमों की जांच कर 5 रुपये मात्र में ग्रामीण क्षेत्र में नया स्थाई कृषि कनेक्शन दिया जाएगा. बिजली कंपनी सरल संयोजन पोर्टल के माध्यम से उपभोक्ताओं का कनेक्शन का फार्म भरने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. इसमें 1200 रुपये प्रति हॉर्स पॉवर सुरक्षा निधि उपभोक्ता (किसान) के पहले बिल में जोड़ी जाएगी.
मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव के मुताबिक, राज्य सरकार प्रदेश की इकोनॉमी को दोगुना करेगी. इसके लिए अगले चार साल में एक लाख 25 हजार अस्थाई बिजली कनेक्शन वाले किसानों को सोलर पंप दिए जाएंगे. इससे किसान बिजली आपूर्ति में आत्मनिर्भर बनेंगे. वहीं, अगले पांच साल में सिंचाई क्षमता 50 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर एक करोड़ हेक्टेयर की जाएगी. इसके अलावा जो पशुपालक 10 गायों से अधिक गाय का पालन करेंगे, उन्हें सब्सिडी दी जाएगी.
बता दें कि देश में बड़ी संख्या में किसान आज भी बिजली कनेक्शन के अभाव में डीजल पंप का इस्तेमाल करते हैं, जिससे प्रदूषण तो बढ़ता ही है. साथ ही उनकी खेती की लागत भी बढ़ती है, क्योंकि उनके खर्च का एक बड़ा हिस्सा डीजल खरीदने में लग जाता है. वहीं, सरकार अब कई जगहों पर सोलर पंप की सुविधा भी उपलब्ध करा रही है. ऐसे में जहां बिजली पहुंचना मुश्किल है, वहां सोलर पंप के इस्तेमाल से किसानों की सिंचाई के पानी की व्यवस्था हो जाती है. वैसे भी सोलर पंप डीजल पंप के मुकाबले बहुत किफायती होते हैं.
आजतक एग्रीकल्चर डेस्क