PM Kisan सम्मान निधि की राशि में होगी बढ़ोतरी? इन मांगों को लेकर किसानों का जमावड़ा

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के रामलीला मैदान में भारी तादाद में किसान अपनी मांगों को लेकर इकट्ठा हुए हैं. इसमें पीएम किसान सम्मान निधि की राशि में खेती की बढ़ी लागत के अनुपात में बढ़ाने की भी मांग की जा रही है. सवाल है कि क्या सरकार भारतीय किसान संघ की इस मांग को मानने को तैयार है? 

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 19 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 2:16 PM IST

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से संबद्ध किसान संगठन बीकेएस यानी भारतीय किसान संघ राजधानी दिल्ली में 'किसान गर्जना रैली' कर रहा है. बीकेएस किसानों से जुड़े मुद्दे को लेकर सरकार के खिलाफ सड़क पर उतरा हुआ है. दावा है कि इस रैली में करीब 40 हजार से ज्यादा किसानों का जमावड़ा है. रैली में मध्य प्रदेश ,राजस्थान, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल, गुजरात के किसान पहुंचे हैं.

पीएम किसान सम्मान निधि की राशि बढ़ाने की मांग

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बीकेएस द्वारा पीएम किसान सम्मान निधि की राशि में खेती की बढ़ी लागत के अनुपात में बढ़ाने की भी मांग की जा रही है. बता दें कि इससे पहले भी इस योजना की राशि बढ़ाने के लिए विभिन्न संगठनों द्वारा मांग की जा चुकी है. ऐसे में सवाल है कि क्या सरकार भारतीय किसान संघ की इस मांग को मानने को तैयार है? अगर मांग मानी भी गई तो सम्मान निधि की राशि में कितना बदलाव किया जाएगा?

बता दें कि फिलहाल, पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत किसानों को 6 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है.ये राशि हर 4 महीने के अंतराल में तीन किस्तों में दो-दो हजार रुपये करके किसानों के खाते में भेजी जाती है.

बीकेएस की अन्य मांगे

बीकेएस की मांग है कि केंद्र सरकार को कृषि उपज पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) नहीं लगाना चाहिए. इसके अलावा संगठन सभी कृषि उपज को जीएसटी से मुक्त करने की  करने की मांग भी कर रहा है. किसान संगठन अनाज में सब्सिडी के अलावा डीबीटी के माध्यम से किसानों को आर्थिक सहायता देने की मांग भी कर रहा है. 

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किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट भी बढ़ाने की मांग

भारतीय किसान संघ की डिमांड है कि केंद्र सरकार किसान क्रेडिट कार्ड की सीमा तीन लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपये करे, ताकि किसानों को खेती के लिए कोई दिक्कत ना महसूस हो. किसान को हक़ होना चाहिए कि वे अपनी फसल का मूल्य तय करे. साथ किसान के ट्रैक्टर को 15 साल वाली नीति से बाहर रखने की भी मांग की गई है. अन्य जानकारियों के लिए इस लिंक पर क्लिक करें.

 

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