बिना पुरुष रिश्तेदार के घर से बाहर निकली महिलाएं तो होंगी गिरफ्तार! तालिबान के बाद अब इस संगठन ने दिया क्रूर आदेश

यमन के हूती विद्रोहियों ने महिलाओं के बिना किसी पुरुष रिश्तेदार के घर से बाहर निकालने पर प्रतिबंध लगा दिया है. हूतियों ने महिला मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को नौकरी ना करने की धमकी भी दी है. इसे लेकर यमन की महिलाएं काफी परेशान हैं. हूतियों ने एक महिला मानवाधिकार कार्यकर्ता को उनकी अनुपस्थिति में मौत की सजा भी सुनाई है.

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हूती विद्रोहियों ने महिलाओं पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं (Photo- Reuters) हूती विद्रोहियों ने महिलाओं पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं (Photo- Reuters)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 16 जून 2022,
  • अपडेटेड 5:45 PM IST
  • हूती विद्रोहियों ने महिलाओं पर लगाए प्रतिबंध
  • पुरुषों के बिना बाहर निकलने पर लगाई पाबंदी
  • महिलाओं को नौकरी से निकालने की भी चेतावनी

तालिबान द्वारा महिलाओं के अधिकारों को कुचलने के बाद अब ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने भी महिलाओं के पुरुषों के बिना यात्रा करने पर प्रतिबंध लगा दिया है. संयुक्त राष्ट्र ने इसकी जानकारी देते हुए कहा है कि युद्धग्रस्त यमन में काम कर रही महिलाओं पर हूतियों ने अकेले यात्रा करने को लेकर प्रतिबंध लगा दिया है. इससे मानवीय सहायता के वितरण में काफी मुश्किलें आ रही हैं.

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अरब न्यूज की एक रिपोर्ट के मुताबिक, संयुक्त राष्ट्र की मानवीय मामलों के समन्वयक ने इस हफ्ते यमन के मानवीय स्थिति पर जारी बुलेटिन में ये जानकारी दी है. बुलेटिन में बताया गया है कि हूतियों ने अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ काम करने वाली महिलाओं को बिना पुरुष रिश्तेदार के घर से निकलने पर प्रतिबंध लगा दिया है.

इससे हूतियों के नियंत्रण वाले यमन के इलाके में मानवीय सहायता में कमी आई है. संयुक्त राष्ट्र ने अपने बुलेटिन में कहा, 'हूतियों के कब्जे वाले इलाके में महिलाओं को बाहर निकलने के लिए पुरुष अभिभावक के साथ होना अनिवार्य बना दिया गया है. इससे मानवीय सहायता के कामों में महत्वपूर्ण रूप से कमी आई है.'  

संयुक्त राष्ट्र की तरफ से कहा गया है कि यमन की सरकार ने इस घोषणा के बाद असुरक्षा की स्थिति को देखते हुए यमन में अस्थायी रूप से मानवीय सहायता को निलंबित कर दिया है.

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पिछले दो वर्षों के दौरान, हूतियों ने अपने कब्जे वाले इलाके में महिलाओं, कार्यकर्ताओं, कलाकारों और गायकों को निशाना बनाते हुए कठोर धार्मिक नियम लागू किए हैं. हूतियों ने सार्वजनिक स्थानों, कैफे, विश्वविद्यालयों और रेस्तरां में महिलाओं के पुरुषों के साथ घुलने-मिलने पर प्रतिबंध लगा दिया है. गायकों को शादियों में गाने की इजाजत नहीं है और ड्रेस कोड के उल्लंघन के कारण महिलाओं को निशाना बनाया जाता है. 

इसी साल मार्च में यमन के मानवाधिकार संगठन Mwatana for Human Rights ने कहा कि हूतियों के नियंत्रित वाले शहरों में प्रवेश के दौरान चेकपॉइंट पर उनकी महिला कार्यकर्ताओं को परेशान किया गया और कहा गया कि वे साबित करें कि उनके साथ यात्रा कर रहे पुरुष उनके भाई हैं.

महिलाओं को काम करने से रोक रहे हूती

हूतियों ने चेतावनी दी है कि उनके नियंत्रण वाले इलाके में काम करने वाली महिलाओं को काम करने की इजाजत नहीं दी जाएगी. जो महिलाएं पहले से काम कर रही हैं, उन्हें भी काम से बाहर कर दिया जाएगा. इस चेतावनी से यमन की महिलाएं काफी परेशान हैं.

यमन की मानवाधिकार कार्यकर्ता और वकील जफरान जैद को हूतियों ने उनके काम के लिए ही उनकी अनुपस्थिति में मौत की सजा सुनाई है. उन्होंने अरब न्यूज से बातचीत में कहा कि हूतियों का ये फैसला मानवीय संकट को और बढ़ाएगा. इससे हजारों महिलाएं अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ काम करने से वंचित रह जाएंगी.

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उन्होंने कहा, 'ईरान समर्थित हूती विद्रोहियों ने महिलाओं की मुश्किलें बढ़ा दी हैं. जो महिलाएं सरकारी या निजी क्षेत्रों में काम करती हैं, उनके लिए परेशानी और बढ़ी है.' उन्होंने बताया कि हूतियों ने राजधानी सना में उन बस और टैक्सी ड्राइवरों को भी सजा दी है जो बिना किसी पुरुष रिश्तेदार के महिलाओं को अपनी गाड़ी में यात्रा करने की इजाजत दे रहे थे.

अप्रैल में, हूतियों के गढ़ शहर सादा के रहने वालों ने बताया कि नैतिकता पुलिस ने उन सभी महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया जो बिना किसी पुरुष रिश्तेदार के या पुरुषों वाले दुकान में खरीददारी कर रही थीं. 

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