अमेरिकी स्टडी में दावा, कोरोना वायरस के दौर में सामूहिक गायन घातक

अमेरिकी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन की ओर से अस्वस्थता और मृत्यु साप्ताहिक रिपोर्ट के तहत की गई ये स्टडी बताती है कि शुरुआती मरीज (इंडेक्स पेशेंट) से ग्रुप में कुल 86.7 फीसदी संक्रमण हुआ.

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कोरोना वायरस के दौर में सामूहिक गायन घातक कोरोना वायरस के दौर में सामूहिक गायन घातक

अंकित कुमार

  • नई दिल्ली,
  • 14 मई 2020,
  • अपडेटेड 5:39 PM IST

  • अस्वस्थता और मृत्यु साप्ताहिक रिपोर्ट के आधार पर की गई स्टडी
  • स्टडी के आधार पर अमेरिकी विशेषज्ञों ने लोगों को किया आगाह

कहते हैं इंसान पर संकट आता है, तो वो ईश्वर की शरण में जाता है. संकट सामुदायिक हो, तो उसे दूर करने के लिए सामूहिक प्रार्थना की जाती है. क्वाइअर सिंगिंग (Choir Singing) की जाती है. लेकिन ठहरिए, ऐसा करना कोरोना वायरस संक्रमण के इस दौर में घातक हो सकता है. इससे संक्रमण तेजी से फैल सकता है.

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कोरोना वायरस से जुड़े एक ‘सुपरस्प्रैडर इवेंट’ को फोकस में रखकर की गई स्टडी के आधार पर अमेरिकी विशेषज्ञों ने इस बारे में आगाह किया है. इस स्टडी के मुताबिक एक बिना लक्षण वाला परफॉर्मर वॉशिंगटन की एक काउंटी में कोरोना वायरस के 52 केसों का कारण बना.

अमेरिकी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) की ओर से अस्वस्थता और मृत्यु साप्ताहिक रिपोर्ट के तहत की गई ये स्टडी बताती है कि शुरुआती मरीज (इंडेक्स पेशेंट) से ग्रुप में कुल 86.7 फीसदी संक्रमण हुआ.

एक्सपर्ट्स ने निकाला ये निष्कर्ष

CDC ने वॉशिंगटन स्टेट की स्केगिट काउंटी में 3 मार्च और 10 मार्च को हुए दो क्वाइअर परफॉरमेंसेस (सामूहिक गायन) में शामिल लोगों से जुड़ी बीमारी की चेन की स्टडी की. जटिल कॉन्टेक्ट ट्रेसिंग से मेडिकल एक्सपर्ट्स ने निष्कर्ष निकाला कि 10 मार्च के कार्यक्रम में बिना लक्षण वाले एक परफॉर्मर के हिस्सा लेने से कलस्टर में संक्रमण फैला. तीन मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा और दो की मौत हो गई.

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स्थानीय चिकित्सा अधिकारियों ने क्वाइअर ग्रुप से कलस्टर बीमारी को 17 मार्च को नोटीफाई किया. और जब तक जांच पूरी हुई कुछ सदस्य रिकवर हो चुके थे और कुछ ने टेस्ट कराने से इनकार कर दिया था. CDC की रिपोर्ट के मुताबिक, 'पुष्ट संक्रमण वाले व्यक्तियों में बीमारी के दौरान किसी भी समय सबसे आम लक्षण खांसी (90.9%), बुखार (75.8%), मांसपेशियों का दर्द (75.0%) और सिरदर्द (60.6%) थे.'

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कुछ ने गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल लक्षण दिखाए, जिनमें दस्त (18.8%), मतली (9.4%) और पेट में ऐंठन या दर्द (6.3%) शामिल हैं. एक व्यक्ति ने सिर्फ गंध और स्वाद के नुकसान की बात कही. सबसे गंभीर जटिलताओं की सूचना वायरल निमोनिया (18.2%) और खून में ऑक्सीजन की कमी से होने वाली श्वसन विफलता (9.1%) थी.

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इस क्लस्टर की जांच के आधार पर विशेषज्ञों ने ये निष्कर्ष निकाला कि प्रभावित मरीज में सबसे ज्यादा संक्रामक 'लक्षण शुरू होने के 2 दिन पहले से लेकर लक्षण दिखाई देने के 7 दिन बाद' तक रहे. CDC विशेषज्ञों ने 'बोलने के दौरान वोकेलाइजेशन की ऊंची पिच से निकलने वाले एयरोसोल' के बीच रिश्ते की ओर इंगित किया. साथ ही ऐसे व्यक्तियों को संदर्भित किया, जिन्होंने संक्रमित कणों को अपने समकक्षों की तुलना में कहीं ज्यादा बाहर छोड़ा. ऐसे में ये ‘सुपरइमिटर्स’ बन गए. इन्हीं को सुपरस्प्रैडर इवेंट्स का इपिसेंटर माना गया.

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CDC रिपोर्ट में कहा गया कि 'गायन के काम ने खुद ही एयरोसोल निकालकर संक्रमण फैलाने में योगदान दिया, जो वोकेलाइजेशन के शोर पर निर्भर करता है.' CDC का निष्कर्ष है कि ये 'SARS-CoV-2 की फैलाव की उच्च क्षमता और सुपरइमिटर्स की कुछ खास गतिविधियों और हालात में संक्रमण में योगदान की संभावना' को दिखाता है. CDC का सुझाव है कि भीड़भाड़ वाली जगहों और ग्रुप में मौजूद होने के दौरान फेस टू फेस कॉन्टेक्ट से बचा जाए.

हाल की स्टडीज ने संदिग्ध लक्षण वाले व्यक्तियों में एयरोसोल ट्रांसमिशन घटाने में चेहरे को कवर करने वाले कपड़े के संभावित असर को भी दिखाया.

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