'आज मुसलमानों के मूल्यों पर हमले हो रहे, कल को...', क्यों भड़के तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन?

तुर्की के राष्ट्रपति खुद को इस्लामिक दुनिया का नेता मानते हैं. उन्होंने कहा कि तुर्की दुनियाभर के मुसलमानों की आस्था पर हमले बर्दाश्त नहीं करेगा. एर्दोगन का कहना है कि मुसलमानों की आस्था पर हमला करने वाले लोगों को रोकना होगा.

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एर्दोगन खुद को इस्लामिक दुनिया का नेता मानते हैं (Photo- Reuters) एर्दोगन खुद को इस्लामिक दुनिया का नेता मानते हैं (Photo- Reuters)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 12:33 PM IST

तुर्की के राष्ट्रपति रेचेप तैय्यप एर्दोगन ने सख्त लहजे में कहा है कि तुर्की विचारों की स्वतंत्रता की आड़ में दुनिया के दो अरब मुसलमानों के पवित्र मूल्यों पर हमले को स्वीकार नहीं करेगा. अमेरिका के न्यूयॉर्क में तुर्की-अमेरिका राष्ट्रीय संचालन समिति की तरफ से आयोजित डिनर में एर्दोगन ने कहा कि इस्लाम के पवित्र मूल्यों पर हमले की कार्रवाई उकसाने वाली है जिसका उद्देश्य लोगों को भड़काना है.

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एर्दोगन ने कहा कि तुर्की ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद और संयुक्त राष्ट्र महासभा के उन सभी प्रस्तावों को अपनाया है जो पवित्र पुस्तकों को निशाना बनाने वाली हिंसक कार्रवाइयों को अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन मानते हैं.

तुर्की-अमेरिका राष्ट्रीय संचालन समिति के डिनर में उन्होंने कहा, 'हम इस दिशा में अपने प्रयास जारी रखेंगे.'

एर्दोगन ने स्वीडन और डेनमार्क जैसे यूरोपीय देशों में इस्लाम की पवित्र किताब कुरान पर हमले का जिक्र करते हुए कहा कि अगर इस्लाम के प्रति बढ़ती नफरत को नहीं रोका गया तो अपराध करने वाले और अधिक लापरवाह हो जाएंगे. उन्होंने कहा, 'तुर्की इस तरह के खतरों का जवाब दे रहा है.'

एर्दोगन ने आगाह करते हुए कहा कि आज मुसलमानों को निशाना बनाकर हमले किए जा रहे हैं, कल को दूसरे धर्मों, भाषाओं और संस्कृतियों के लोगों पर ऐसे हमले हो सकते हैं.

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कुरान जलाने की घटनाओं पर तुर्की की कड़ी प्रतिक्रिया

मुसलमान बहुल तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन यूरोपीय देशों में कुरान जलाने की घटनाओं पर बेहद सख्त रहे हैं. जनवरी के महीने में जब स्वीडन में कुरान को जलाया गया था तब उन्होंने इसे 'नीच हरकत' करार देते हुए कहा था कि स्वीडन की सरकार का इस तरह की घटनाओं को अनुमति देना अस्वीकार्य है.

तुर्की के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर कहा था कि बार-बार चेतावनी देने के बावजूद भी इस तरह की घटनाएं हो रही हैं.

मंत्रालय ने कहा था, 'मुसलमानों को निशाना बनाने वाली और उनके पवित्र प्रतीकों का अपमान करने वाली इस तरह के इस्लाम विरोधी कृत्यों को अनुमति देना अस्वीकार्य है. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर ऐसे कृत्यों को स्वीकार नहीं किया जा सकता.'

इस घटना के बाद स्वीडन और तुर्की के रिश्तों में कड़वाहट भर गई थी. तुर्की ने कहा था कि वो स्वीडन के नेटो गठबंधन में शामिल होने का समर्थन नहीं करेगा. तुर्की ने स्वीडन के साथ नेटो सदस्यता के लिए चल रही वार्ता को भी स्थगित कर दिया था.

इसके बाद भी जून में स्वीडन में कुरान को आग के हवाले कर दिया गया. बकरीद के मौके पर राजधानी स्टॉकहोम की सेंट्रल मस्जिद के सामने सलवान मोमिका नामक एक शख्स ने कुरान के पैरों से कुचला और फिर उसे जला दिया जिससे पूरी मुस्लिम दुनिया में नाराजगी  थी. 

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तुर्की के विदेश मंत्री हकन फिदान ने कहा था, 'बकरीद के मौके पर स्वीडन में हमारी पवित्र किताब के साथ नीच हरकत की गई. हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर इस्लाम विरोधी कृत्यों की अनुमति देना अस्वीकार्य है.'

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