2036 तक राष्ट्रपति बने रह सकते हैं पुतिन, संविधान संशोधन के लिए 1 जुलाई को वोटिंग

अगर यह चुनाव पुतिन के पक्ष में जाता है तो वे 2036 तक रूस के राष्ट्रपति बने रह सकते हैं. सांविधानिक संशोधन पुतिन को अगले टर्म तक राष्ट्रपति बने रहने का रास्ता साफ करेगा.

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रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (फाइल फोटो-AP) रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (फाइल फोटो-AP)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 02 जून 2020,
  • अपडेटेड 7:50 AM IST

  • अप्रैल महीने में ही होना था जनमत संग्रह
  • अब जुलाई में वोटिंग कराएगी पुतिन सरकार

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन एक और टर्म के लिए राष्ट्रपति की कुर्सी संभाल सकते हैं. इसके लिए संविधान में कुछ संशोधन करने होंगे. पुतिन ने इस संशोधन के लिए एक जुलाई को राष्ट्रव्यापी मतदान कराने का ऐलान किया है.

सोमवार को अधिकारियों के साथ एक मीटिंग में पुतिन ने कहा कि रूस में कोरोना वायरस की रफ्तार अब धीमी पड़ गई है, इसलिए राष्ट्रीय स्तर पर वोट कराने के लिए चुनाव अधिकारियों को अनुमति दी जा सकती है. अगर यह चुनाव पुतिन के पक्ष में जाता है तो वे 2036 तक रूस के राष्ट्रपति बने रह सकते हैं. सांविधानिक संशोधन पुतिन को अगले टर्म तक राष्ट्रपति बने रहने का रास्ता साफ करेगा.

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बता दें, सांविधानिक संशोधन की वोटिंग अप्रैल माह में ही होने वाली थी लेकिन कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए इसे टाल दिया गया था. रविवार को रूस में कोरोना वायरस के 9,268 मामले सामने आए. हफ्ते में पहली दफा ऐसा हुआ जब संक्रमितों की संख्या 9 हजार को पार कर गई. हालांकि कई दिनों में रविवार को सबसे कम मौत की दर रिकॉर्ड की गई. रविवार को रूस में 138 लोगों की मौत हुई. रूस में अभी तक कोरोना के 405,843 मामले सामने आए हैं और 4,693 लोगों की मौत हुई है. हालांकि अन्य देशों की तुलना में रूस में मृत्यु दर काफी नीचे है. अधिकारियों ने पुतिन को बताया कि मतदाताओं को एक जुलाई से पहले 6 दिन वोटिंग का मौका दिया जा सकता है ताकि महामारी के दौरान लोग भीड़-भाड़ से बच सकें.

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रूस में सांविधानिक संशोधन हो जाता है तो पुतिन अगले 12 साल के लिए राष्ट्रपति बने रहेंगे. पुतिन का मौजूदा टर्म 2024 में समाप्त हो रहा है. इस लिहाज से वोट में अगर वे बहुमत पा जाते हैं तो 2036 तक उनके राष्ट्रपति बने रहने का रास्ता साफ हो जाएगा. पुतिन ने इस बात पर भी जोर दिया कि वोटिंग होने में अभी एक महीने का वक्त है. लिहाजा जनमत संग्रह सुरक्षित कराने और कोरोना वायरस के संक्रमण पर काबू पाने के लिए काफी वक्त मिल सकता है.

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