ईरान में सर्दी के मौसम में पावर कट जरूरी, राष्ट्रपति पेजेशकियन ने बताए ये कारण

कैबिनेट की वीकली मीटिंग के बाद मीडिया से बातचीत में राष्ट्रपित मसूद पेजेशकियन ने कहा, 'हमारे देश में ईंधन कम है और हम सर्दियों में समस्याओं का सामना कर सकते हैं. इसलिए हमें अब पावर प्लांट को समायोजित करना होगा, ताकि आने वाले दिनों में परेशानी से बचा जा सके. अगर हम इसके बारे में आज नहीं सोचेंगे तो हमें सर्दियों में एक गंभीर खतरे का सामना करना पड़ सकता है'.

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ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान (फाइल फोटो) ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेश्कियान (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • तेहरान,
  • 13 नवंबर 2024,
  • अपडेटेड 8:56 PM IST

ईरान के राष्ट्रपति ने देशभर में आवासीय और कमर्शियल क्षेत्रों में बिजली कटौती का समर्थन किया है और चेतावनी दी है कि इन उपायों के बिना देश को सर्दियों में फ्यूल की कमी के कारण गंभीर जोखिमों का सामना करना पड़ सकता है.

बुधवार को कैबिनेट की वीकली मीटिंग के बाद मीडिया से बातचीत में राष्ट्रपित मसूद पेजेशकियन ने कहा, हमारे देश में ईंधन कम है और हम सर्दियों में समस्याओं का सामना कर सकते हैं. इसलिए हमें अब पावर प्लांट को समायोजित करना होगा, ताकि आने वाले दिनों में परेशानी से बचा जा सके. अगर हम इसके बारे में आज नहीं सोचेंगे तो हमें सर्दियों में एक गंभीर खतरे का सामना करना पड़ सकता है.

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मजूट और डीजल की भी है कमी

बुधवार को हाशेम ओराई ने कहा कि इस साल ऊर्जा संकट और अधिक गंभीर है. उन्होंने बताया कि देश अब पावर प्लांट को मजूट या डीजल भी नहीं दे पा रहा है. पीएम ने कहा कि हम प्राकृतिक गैस के बजाए पीक कोल्ड सीजन के दौरान हमेशा पावर प्लांट को मजूट (mazut) और डीजल देते हैं. पर इस साल मौजूदा कमी के कारण हम ऐसी स्थिति में पहुंच गए हैं, जहां हम पावर प्लांट के लिए जरूरी गैस भी नहीं दे पा रहे हैं.

ब्लैकआउट के बाद हुई प्राकृतिक गैस की कमी

गर्मियों में बढ़ती बिजली मांग के कारण हुए ब्लैकआउट के बाद अब ईरान प्राकृतिक गैस की कमी का सामना करना पड़ रहा है. जो सर्दी में बिजली आपूर्ति में रुकावट डाल सकता है. सीमित विकल्पों के चलते सरकार ने या तो बिजली कटौती लगाने या बिजली संयंत्रों में मजूट (mazut) का इस्तेमाल करने का विवादास्पद योजना शुरू की है. मजूट एक प्रदूषक-ईंधन है जो वायु प्रदूषण का खतरा बढ़ा सकता है. हालांकि, अधिकारियों ने ये भी पुष्टि की है कि मजूट और डीजल की भी कमी है.

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ईरान के पास विश्व का दूसरा सबसे बड़ा प्राकृतिक गैस भंडार है,लेकिन अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण इसके निष्कर्षण में बाधा आ रही है, जिससे निवेश और उन्नत तकनीक की पहुंच सीमित हो गई है. इसकी वजह से ईरान का गैस उत्पादन लगातार धीरे-धीरे घट रहा है.

9 से 5 बजे तक होगी बिजली कटौती

इस हफ्ते ईरान के तेहरान और अन्य प्रांतों में बिजली वितरण कंपनियों ने 9 बजे से शाम 5 बजे तक निर्धारित कटौती शुरू की है. जो ईंधन बचत की सरकारी रणनीति का हिस्सा है. विभिन्न क्षेत्रों के बिजली वितरण कंपनी प्रबंधकों के अनुसार, इन घंटों में सभी कामर्शियल और आवासीय क्षेत्रों में बिजली की कटौती की जाएगी, जिनमें पेट्रोल पंप, बैंक और सरकारी ऑफिस भी शामिल हैं.

इससे पहले नवंबर की शुरुआत में सरकार ने अराक, करज और इस्फ़हान के बड़े प्रमुख संयंत्रों में मजूट जलाने पर रोक का निर्देश जारी किया था. ताकि घनी आबादी वाले क्षेत्रों में स्वास्थ्य खतरे को कम किया जा सके. फिर भी देश के अन्य हिस्सों में मजूट का इस्तेमाल जारी रहने से वायु गुणवत्ता और सार्वजनिक स्वास्थ्य पर इसके प्रभाव को लेकर चिंताएं बनी हुई हैं.

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