पेशावर में 16 दिसंबर 2014 को आर्मी पब्लिक स्कूल (APS) में हुए आतंकी हमले में कम से कम 144 बच्चों और स्कूल स्टाफ की जान गई थी. पाकिस्तान में सोमवार को 5वीं बरसी पर मारे गए बच्चों और अन्य लोगों को याद किया गया.
पाकिस्तान के चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ जनरल कमर जावेद बाजवा ने इस मौके पर कहा, 'संहार को भूला नहीं जा सकता.' पांच साल पहले 16 दिसंबर को ही तहरीक-ए-तालिबान (टीटीपी) के आतंकवादियों ने स्कूल में घुसकर 144 बच्चों और स्टाफ सदस्यों की हत्या कर दी थी.
डायरेक्टर जनरल इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) ने ट्वीट में जनरल बाजवा को उद्धृत करते हुए कहा, 'APS संहार को कभी नहीं भुलाया जाएगा. हमले को अंजाम देने वालों में 5 आतंकियों को मिलिट्री कोर्ट के जरिए फांसी के फंदे पर लटकाया जा चुका है. शहीदों और उनके परिवारों को सैल्यूट. देश में आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में हम लंबी दूरी तय कर चुके हैं. हम एकजुट होकर पाकिस्तान की शांति और खुशहाली के लिए आगे बढ़ रहे हैं.'
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने कहा, 'देश पांच साल पहले हुए नन्हे फरिश्तों/अध्यापकों के संहार को कभी नहीं भूल सकता. इस दिन को आंखों में आंसू आए बिना याद करना बहुत मुश्किल है. उन्हें याद करते हुए हम अपने इस वचन को दोहराते हैं कि आतंकवाद और उग्रवाद को इनके सभी स्वरूपों में देश से उखाड़ फेंका जाएगा.'
पाकिस्तान की मानवाधिकार मंत्री शिरीन माजरी ने अपने ट्वीट में कहा, 'ऐसा दिन जो कभी नहीं भूला जा सकता. इतनी गहरी त्रासदी जिसने देश को अंदर तक हिला दिया. APS आतंकी हमला जिसने कई निर्दोष बच्चों की उनके अध्यापकों के साथ जान ली. आंसू और दुआ के साथ हमारे पास प्रण ही बचा है कि ऐसा कभी दोबारा नहीं होने देंगे.'
पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (PPP) के चेयरपर्सन बिलावल भुट्टो जरदारी ने एपीएस हमले को लेकर कमीशन रिपोर्ट पर सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि ये रिपोर्ट पांच साल बाद तक भी क्यों जारी नहीं की जा सकती है.
भुट्टो ने अपने ट्वीट में कहा, 'APS हमले को पांच साल बीत गए हैं और शहीद छात्रों के अभिभावक अभी तक इंसाफ की मांग कर रहे हैं. ये मखौल है कि APS कमीशन रिपोर्ट अभी तक जारी नहीं की जा सकी है. ये सरकार की नाकामी है कि अभी तक इंसाफ नहीं किया जा सका है. ये माफी योग्य नहीं है कि NAP को अभी तक लागू नहीं किया जा सका है.
जहां तक स्कूल के छात्रों और उनके अभिभावकों का सवाल है तो उन्हें स्कूल का सूत्रवाक्य 'We shall rise again' बहुत हौसला देता है. साथ ही उन्हें आतंकवाद के खिलाफ मजबूती और एकजुटता के साथ खड़े होने के लिए प्रेरित भी करता है.
हमजा आमिर