नासा ने मंगल ग्रह पर लैंड कराया रोवर, भारतीय मूल की वैज्ञानिक ने बताया अनुभव

डॉक्टर वंदना ने सफलता और चुनौतियों पर बात की. साइंस और स्पेस के क्षेत्र में आगे बढ़ने के सपने देखने वाले छात्रों को ईमानदारी और लगन से कड़ी मेहनत का मंत्र दिया.

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नासा ने मंगल पर लैंड कराया रोवर (फाइल फोटोः नासा) नासा ने मंगल पर लैंड कराया रोवर (फाइल फोटोः नासा)

गीता मोहन

  • नई दिल्ली,
  • 27 फरवरी 2021,
  • अपडेटेड 1:12 PM IST
  • भारत में पली-बढ़ी हैं डॉक्टर वंदना
  • पिता थे भारतीय वायु सेना के पायलट
  • दिया ईमानदारी से मेहनत का संदेश

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने हाल ही में मंगल ग्रह पर पर्सिवियरेंस रोवर को लैंड कराकर इतिहास रच दिया था. इतिहास रचने वाली नासा की इस टीम में भारतीयों का योगदान भी कम नहीं. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी के इस मार्श मिशन में बड़ी भूमिका निभाई भारतीय मूल की रोबोटिक साइंटिस्ट डॉक्टर वंदना वर्मा वंदी ने. डॉक्टर वंदना ने शनिवार को आजतक से खास बातचीत में रोवर की लैंडिंग से जुड़े पहलुओं पर बात की और उस पल के अनुभव भी साझा किए, जब रोवर ने मंगल ग्रह पर लैंड किया था.

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डॉक्टर वंदना ने सफलता और चुनौतियों पर बात की. साइंस और स्पेस के क्षेत्र में आगे बढ़ने के सपने देखने वाले छात्रों को ईमानदारी और लगन से कड़ी मेहनत का मंत्र दिया. रोवर की लैंडिंग में सात महीने का समय लगा. लैंडिंग से जुड़े सवाल पर वंदना ने कहा कि बहुत ही अच्छा मसहसू हो रहा था. धरती पर बैठकर मंगल ग्रह पर रोवर को रिमोटली चलाने के अनुभव से जुड़े सवाल पर डॉक्टर वंदना ने कहा कि यह काफी अलग और मुश्किल था.

डॉक्टर वंदना ने आजतक से की खास बातचीत

भारत में जन्मीं और पली-बढ़ीं डॉक्टर वंदना ने एक सवाल के जवाब में कहा कि मंगल ग्रह पर रोवर की सफल लैंडिंग के बाद परिजन भी खुश थे. मां-पापा को लग रहा था कि एक सपना पूरा हो गया. भारतीय वायु सेना के पूर्व अधिकारी की बेटी डॉक्टर वंदना ने इसे गौरवशाली बताया और कहा कि परिवार के लोग मुझए अपने सपने पूरे करते देख खुश हैं. उन्होंने साइंस और स्पेस के क्षेत्र में आगे बढ़ने का ख्वाब देखने वाले बच्चों को पूरी ईमानदारी से मेहनत करने का संदेश दिया और कहा कि बड़े सपने देखें और इन्हें पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें.

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गौरतलब है कि नासा के इस मिशन के रोबोटिक्स ऑपरेशन की हेड डॉक्टर वंदना वर्मा का जन्म पंजाब के हलवारा में हुआ था. हलवारा में जन्मीं वंदना के पिता भारतीय वायु सेना में फाइटर पायलट थे. वंदना की स्कूली शिक्षा केंद्रीय विद्यालय से हुई और इसके बाद उन्होंने चंडीगढ़ से ही इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग का कोर्स किया. पढ़ाई के दौरान ही पायलट का भी लाइसेंस प्राप्त करने वाली डॉक्टर वंदना ने कार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय से रोबोटिक्स में पोस्ट ग्रेजुएशन किया और साल 2005 में वहीं से पीएचडी भी की. डॉक्टर वंदना साल 2008 से ही नासा से जुड़ी हैं. डॉक्टर वंदना क्यूरियोसिटी, एमईआर-ए स्पिरिट और एमईआर-बी रोवर का भी संचालन कर चुकी हैं.

 

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