बांग्लादेश में कट्टरपंथियों द्वारा अत्याचार और हमलों का सामना कर रहे हिंदुओं ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किया है. हिंदू समुदाय के सदस्यों ने न्याय और सुरक्षा की मांग के लिए ढाका में प्रतिष्ठित और ऐतिहासिक केंद्रीय शहीद मीनार पर विरोध प्रदर्शन किया. शुक्रवार को ढाका में केंद्रीय शहीद मीनार में एक सभा हुई. बांग्लादेश संयुक्त अल्पसंख्यक गठबंधन ने एक सार्वजनिक सम्मेलन आयोजित किया, जिसमें देश भर से हजारों हिंदुओं ने भाग लिया.
शुक्रवार को बलात्कार, आगजनी, लूटपाट, जबरन भूमि हड़पने, जान से मारने की धमकी और देश से भागने के लिए मजबूर करने सहित गंभीर मुद्दों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हुआ. इन घटनाओं ने बांग्लादेश में धार्मिक अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और अधिकारों के बारे में गंभीर चिंताएं पैदा की हैं. क्या-क्या मांगे रखी गईं...
1. हमलों और लापता होने का सामना करने वाले हिंदू धार्मिक अल्पसंख्यकों के लिए मुआवजा.
2. अल्पसंख्यक विकास मंत्रालय की स्थापना.
3. अल्पसंख्यक संरक्षण कानून का निर्माण और न्याय के लिए एक विशेष न्यायाधिकरण की स्थापना.
4. दुर्गा पूजा के लिए तीन दिनों की सार्वजनिक छुट्टियों की घोषणा.
5. जब्त की गई धार्मिक संपत्तियों की वसूली, संरक्षण कानून बनाना और संबंधित क्षेत्रों में मंदिरों का जीर्णोद्धार करना.
6. सभी 64 जिलों में आदर्श मंदिरों और एक वैदिक विश्वविद्यालय की स्थापना, हिंदू धार्मिक कल्याण ट्रस्ट को एक फाउंडेशन में बदलना.
7. संस्कृत और पाली शिक्षा बोर्ड का आधुनिकीकरण.
8. रथ यात्रा के लिए सार्वजनिक अवकाश की घोषणा.
तख्तापलट के बाद हिंदू समुदाय पर हमला
बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद से हिंसा का दौर खत्म नहीं हो रहा. वहां हिंदू समुदाय और अन्य अल्पसंख्यकों पर लगातार हिंसा हो रही है. पांच अगस्त की रात से ही बांग्लादेशी कट्टरपंथियों और उपद्रवियों ने देश के 58 राज्यों में रहने वाले अल्पसंख्यक हिंदुओं को निशाना बनाने की कोशिश की. मेहरपुर से लेकर चिटगांव या शेरपुर से कई इलाके हैं जहां पर हिंदू मंदिरों को आग के हवाले कर दिया गया या तोड़फोड़ की गई. भारत-बांग्लादेश के बॉर्डर पर स्थित इलाके और जमात-ए-इस्लामी के गढ़ मेहरपुर में इस्कॉन मंदिर पर हमला किया गया और भगवद्गीता को जला दिया गया. इसके साथ ही मंदिर में रखा हारमोनियम तोड़ दिया गया. जानकारी के मुताबिक, भीड़ ने मंदिर के गर्भ गृह में लूटपाट और आगजनी भी की.
आशुतोष मिश्रा