मालदीव की राजधानी का मेयर चुनाव हारी मुइज्जू की पार्टी, इंडिया समर्थक कैंडिडेट की जीत, घरेलू मोर्चे पर राष्ट्रपति को पटखनी

मेयर पद के लिए हुए इलेक्शन में 41 बक्सों की गिनती के बाद विपक्षी पार्टी MDP के नेता एडम अजीम ने 5303 वोटों के साथ भारी बढ़त हासिल कर ली, जबकि मुइज्जू की पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) की नेता ऐशथ अजीमा शकूर को महज 3,301 वोट मिले हैं.

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मोहम्मद मुइज्जू (फाइल फोटो) मोहम्मद मुइज्जू (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • माले ,
  • 14 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 7:56 AM IST

भारत और मालदीव में इन दिनों तनातनी चल रही है. इसी बीच मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू को बड़ा झटका लगा है. दरअसल, भारत समर्थक विपक्षी मालदीवियन डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) ने राजधानी माले के मेयर चुनाव में बड़ी जीत हासिल की है. एमडीपी उम्मीदवार एडम अजीम को माले का नया मेयर चुना गया है, यह पद अभी तक मुइज्जू के पास था. लेकिन मुइज्जू ने पिछले साल राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए इस पद से इस्तीफा दे दिया था.

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41 बक्सों की गिनती के बाद विपक्षी पार्टी MDP के नेता एडम अजीम ने 5303 वोटों के साथ भारी बढ़त हासिल कर ली, जबकि मुइज्जू की पीपुल्स नेशनल कांग्रेस (पीएनसी) की नेता ऐशथ अजीमा शकूर को महज 3,301 वोट मिले हैं. MDP का नेतृत्व भारत समर्थक पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद सोलिह कर रहे हैं, जो राष्ट्रपति चुनाव में चीन समर्थक नेता मुइज्जू से हार गए थे. मेयर चुनाव में जीत मिलने के बाद एमडीपी को एक तरह से संजीवनी मिल गई है. 

चीन से लौटते ही लगा मुइज्जू को झटका

मुइज्जू चीन की पांच दिवसीय राजकीय यात्रा के बाद शनिवार को माले लौट आए हैं. उन्होंने मालदीव लौटते ही दो टूक कह दिया है कि हमें बुली करने का लाइसेंस किसी के पास नहीं है. मुइज्जू ने कहा कि हम भले ही छोटा देश हो सकते हैं लेकिन इससे किसी को भी हमें बुली करने का लाइसेंस नहीं मिलता. हालांकि, मुइज्जू ने प्रत्यक्ष तौर पर किसी का नाम लेकर ये बयान नहीं दिया है. लेकिन माना जा रहा है कि उनका निशाना भारत की तरफ है.

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कैसे शुरू हुआ था विवाद?

मालदीव में मेयर पद के लिए चुनाव भारत से चल रही तनातनी के बीच हुए. दरअसल, हाल ही में पीएम मोदी ने लक्षद्वीप का दौरा कर इसकी तस्वीरें शेयर की थी. इसके बाद मालदीव के तीन मंत्रियों ने पीएम मोदी और भारत के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की थी. इसके बाद भारत की ओर से कड़ा ऐतराज जताया गया था. लिहाजा मालदीव की सरकार ने टिप्पणी करने वाले अपने तीनों मंत्रियों को सस्पेंड कर दिया था. 

मालदीव के लिए काफी अहम है भारत

बता दें कि मालदीव की अर्थव्यवस्था अपने टूरिज्म और भारत पर बहुत ज्यादा निर्भर है. जो कि विदेशी मुद्रा आय और सरकारी राजस्व का बड़ा सोर्स है. टूरिज्म सीधे तौर पर मालदीव की जीडीपी का लगभग चौथाई हिस्सा है और परोक्ष रूप से जीडीपी का बहुत बड़ा हिस्सा है. अगर रोजगार की बात करें तो मालदीव के लोगों के लिए पर्यटन ही सबसे बड़ा आधार है. रोजगार में टूरिज्म का योगदान एक तिहाई से अधिक है. अगर इससे जुड़े क्षेत्रों को शामिल करें तो कुल रोजगार (प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष) में पर्यटन का योगदान करीब 70 फीसदी तक है.

भारत से लाखों सैलानी जाते हैं मालदीव 

भारत से भारी संख्या में टूरिस्ट मालदीव जाते हैं. साल 2018 में भारत से इतने ज्यादा सैलानी मालदीव पहुंचे थे कि भारत मालदीव में टूरिस्ट्स आगमन का 5वां सबसे बड़ा सोर्स था. जानकार के मुताबिक 14,84,274 पर्यटकों में से लगभग 6.1% (90,474 से अधिक) टूरिस्ट भारत से थे. हालांकि 2019 में भारत से मालदीव जाने वाले सैलानियों की संख्या 2018 की तुलना में बढ़कर लगकर दोगुनी हो गई थी. 2019 में 1,66,030 सैलानी मालदीव गए थे. लिहाजा मालदीव जाने वाले सैलानियों में भारत दूसरे नंबर पर था.

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