न खाना-न पानी, तीन महीने से नहीं मिली सैलरी... अफ्रीकी देश ट्यूनीशिया में फंसे झारखंड के 48 मजदूर

अफ्रीकी देश ट्यूनीशिया में झारखंड के हजारीबाग, गिरिडीह और बोकारो जिलों के 48 मजदूर फंसे हुए हैं. तीन महीने से मजदूरी नहीं मिलने के कारण वे खाने के लिए तरस रहे हैं. वीडियो संदेश भेजकर उन्होंने भारत सरकार से घर लौटने की अपील की है.

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मजदूरों का कहना है कि सैलरी नहीं मिलने की वजह से समस्या बढ़ गई है. (Photo- AI Generated) मजदूरों का कहना है कि सैलरी नहीं मिलने की वजह से समस्या बढ़ गई है. (Photo- AI Generated)

सत्यजीत कुमार

  • नई दिल्ली,
  • 01 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:02 AM IST

झारखंड के हजारीबाग, गिरिडीह और बोकारो जिलों के 48 प्रवासी मजदूर अफ्रीका के ट्यूनीशिया में फंसे हुए हैं. तीन महीने से मजदूरी नहीं मिलने के कारण उनके सामने भोजन का संकट खड़ा हो गया है. मजदूरों ने एक वीडियो संदेश जारी कर अपनी स्थिति बताई है. उन्होंने कहा, "हम यहां बहुत खराब हालत में हैं. कंपनी ने हमारी सैलरी बंद कर दी है, खाने तक के पैसे नहीं बचे हैं. बस किसी तरह अपने घर लौटना चाहते हैं."

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मजदूरों का कहना है कि जिस कंपनी में वे काम करते हैं, उसने पिछले तीन महीनों से उन्हें भुगतान नहीं किया है और अब उन्हें भोजन व आवास की समस्या से जूझना पड़ रहा है. इन मजदूरों में हजारीबाग जिले के 19, गिरिडीह के 14 और बोकारो के 15 मजदूर शामिल हैं.

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इस मामले पर सामाजिक कार्यकर्ता सिकंदर अली ने केंद्र और राज्य सरकार दोनों से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है. उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है जब झारखंड के मजदूर विदेशों में फंसे हैं. पहले भी कई बार मजदूर लालच में विदेश गए और संकट में फंस गए.

सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि छह महीने पहले 25 अप्रैल 2025 को गिरिडीह जिले के पांच मजदूर - संजय महतो, चंद्रिका महतो, राजू महतो, फालजीत महतो (डोंडलो पंचायत, बगोदर) और उत्तम महतो (मुंडरो)-– नाइजर, दक्षिण अफ्रीका से अगवा कर लिए गए थे, जिनका अब तक पता नहीं चल पाया. सिकंदर अली ने कहा कि सरकार को राज्य में रोजगार उपलब्ध कराना चाहिए ताकि मजदूरों का पलायन रुके.

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ट्यूनीशिया में फंसे मजदूरों की सूची:

हजारीबाग जिला (19 मजदूर) - अमरदीप चौधरी, जीवधन महतो, धनश्वर महतो, जगेश्वर कुमार महतो, गोविंद कुमार महतो, खिरोधर महतो, नागेंद्र कुमार महतो, कैलाश महतो, नीलकंठ महतो (सभी उंचाघाना); अनंतलाल महतो, खुशलाल महतो (बांधखारो); जगतपाल महतो (बलकमक्का); मुकेश कुमार (खरकी); मंटू महतो (ग्यांगरहा); गंगाधर महतो (मुरगामो); मुकेश कुमार (चानो); दिनेश तुरी, देवेंद्र ठाकुर (खरना); शंकर घासी (खेड़ाडीह).

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गिरिडीह जिला (14 मजदूर) - नंदलाल महतो (महुरी), संतोष महतो (अदवारा), गुरुचरण महतो (बेको), मनोज कुमार मंडल (डोंडलो), खुबलाल महतो (डोंडलो), अशोक कुमार (मुंडरो), झंडू महतो (कोसी), सेवा महतो (कोसी), मुरली मंडल (उलीबार), सुखदेव सिंह (लवाबर), संजय कुमार (जरुवाडीह), संजय कुमार महतो (खुखरा), सुनील टुडू (बेरागढ़ा खुर्द), मिरुलाल हसदा (बेरागढ़ा खुर्द).

बोकारो जिला (15 मजदूर) - अजय कुमार (फतेहपुर), अनिल कुमार (फतेहपुर), गोपाल महतो (खलचो), राजेश कर्माली (पीटरवार), लालू कर्माली (चिलगो), जगन्नाथ महतो (चिलगो), रूपलाल महतो (चुन्नू महौतांड), दीपक सिंह (थर्ड), करू सिंह (थर्ड), जगन्नाथ महतो (सिधाबारा), बिरसाही तुरी (सिधाबारा), सुभोध मरांडी (थर्ड), मनोज कुमार रवीदास (करी), खेड़न सिंह (क्रूकनालो), सुखदेव महतो (थर्ड).

मजदूरों ने अपने वीडियो में भारत सरकार और झारखंड सरकार से जल्द हस्तक्षेप कर उन्हें वापस लाने की अपील की है. उन्होंने कहा कि अब उनके पास न पैसा बचा है, न खाना - बस घर लौटने की उम्मीद बाकी है.

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