Iran Hijab Protest: ईरान में सरकार के खिलाफ उग्र प्रदर्शन, तानाशाह की मौत के लगे नारे

ईरान में आए दिन रफ्तार पकड़ रहे इस प्रदर्शन को लेकर सरकार ने सख्ती करनी शुरू कर दी है. वह प्रर्दशनकारियों और उनके समर्थकों को लगातार पकड़ रही है. अब यह मामला 22 साल की लड़की की मौत का नहीं बल्कि आजादी की लड़ाई का बन गया है. इन विरोध प्रदर्शनों में अब स्कूली छात्राएं शामिल हो गई हैं और तानाशाह की मौत के नारे लगा रही हैं.

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ईरान में महसा अमीनी की मौत के विरोध में प्रदर्शन ईरान में महसा अमीनी की मौत के विरोध में प्रदर्शन

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 10:51 AM IST

ईरान में पुलिस हिरासत में 22 साल की महसा अमीनी की मौत के बाद से शुरू हुए एंटी हिजाब प्रदर्शन ने रफ्तार पकड़ ली है. गली, कूचों और सड़कों से होता हुआ यह प्रदर्शन अब स्कूलों तक पहुंच गया है. स्कूली छात्राएं ईरान के हिजाब कानूनों को लेकर सड़कों पर उतर आई हैं. इन छात्राओं ने अपने हिजाब और स्कार्फ उतारकर फेंक दिए हैं और सरकार को खुलेआम चुनौती दी हैं.

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ईरान में आए दिन रफ्तार पकड़ रहे इस प्रदर्शन को लेकर सरकार ने सख्ती करनी शुरू कर दी है. वह प्रदर्शनकारियों और उनके समर्थकों को लगातार पकड़ रही है. अब यह मामला 22 साल की लड़की की मौत का नहीं, बल्कि आजादी की लड़ाई का बन गया है.

छात्राओं ने संभाला विरोध का मोर्चा

ईरान की स्कूली लड़कियां हिजाब के विरोध में अपनी आवाज बुलंद करने में पीछे नहीं हैं. तेहरान के कराजा के एक स्कूल का वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें सिर से हिजाब उतार चुकी छात्राएं तानाशाह की मौत के नारे लगा रही हैं. यह नारा ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खमेनाई को लेकर है. इस वीडियो में ये स्कूली छात्राएं एक शख्स का विरोध कर रही हैं. यह शख्स उनके स्कूल का प्रिंसिपल बताया जा रहा है.

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एक अन्य वीडियो में देखा जा सकता है कि स्कूल की कुछ छात्राएं महिला, जिदंगी, आजादी से जुड़ा एक गाना गा रही हैं और सड़क पर मार्च कर रही हैं. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इन वीडियो में देखा जा सकता है कि ये महिलाएं अपने हिजाब हटाकर जश्न मना रही हैं.

पुलिस की सख्ती के बीच महिलाएं सड़कों पर डटीं

ईरान ह्यूमन राइट्स की रिपोर्ट के मुताबिक, सरकार विरोधी इन प्रदर्शनों में अब तक 92 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई है. सरकार लगातार इन प्रदर्शनों को कुचलने का प्रयास कर रही है लेकिन अभी तक उन्हें अधिक सफलता नहीं मिल पाई है.

इनमें से 17 साल की निका साकारामी भी हैं, जो महसा अमीनी की मौत के विरोध में प्रदर्शनों में हिस्सा ले रही थी. वह 10 दिन से लापता थी. जब निका का शव उनके परिवार को सौंपा गया था, उसकी नाक टूटी हुई थी और सिर कुचला हुआ था. जानकारी के मुताबिक जब विरोध प्रदर्शन के बाद निका गायब हो गई थी, तब उसके परिवार ने हर तरफ उसकी खोज की थी.

डिटेंशन सेंटर से लेकर पुलिस थानों तक हर जगह उसे ढूंढने का प्रयास किया गया. फिर 29 सितंबर को पुलिस ने जानकारी दी कि उन्हें निका का शव मिला है. 17 साल की इस लड़की की मौत के बाद यह प्रदर्शन अब अधिक तेज हो गया है. 

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