भारतीय मूल के अनिल सोनी बने WHO फाउंडेशन के पहले CEO, 1 जनवरी को संभालेंगे पदभार

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना संकट के बीच मई 2020 में विश्व स्वास्थ्य संगठन फाउंडेशन की शुरुआत की थी. अनिल सोनी इस फाउंडेशन के पहले CEO हैं.

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अनिल सोनी को WHO फाउंडेशन की जिम्मेदारी अनिल सोनी को WHO फाउंडेशन की जिम्मेदारी

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 08 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 9:12 AM IST
  • WHO फाउंडेशन के CEO बने अनिल सोनी
  • मई 2020 में ही बनाया गया संगठन

भारतीय मूल के हेल्थ एक्सपर्ट अनिल सोनी को विश्व स्वास्थ्य संगठन फाउंडेशन का CEO नियुक्त किया गया है. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने दुनिया में स्वास्थ्य के मोर्चे पर लड़ाई के लिए नया संगठन बनाया है, अनिल सोनी इसके पहले CEO बने हैं.

अनिल सोनी 1 जनवरी से अपने काम को संभालेंगे. इस दौरान उनका मुख्य फोकस दुनिया में स्वास्थ्य क्षेत्र में नई तकनीक का इस्तेमाल और उनका आम लोगों को फायदा पहुंचाने पर रहेगा.

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना संकट के बीच मई 2020 में विश्व स्वास्थ्य संगठन फाउंडेशन की शुरुआत की थी. अभी तक अनिल सोनी ग्लोबल हेल्थकेयर कंपनी वियाट्रिस के साथ थे, जहां वो ग्लोबल इंफेक्शन डिजीज के हेड के तौर पर कार्यरत थे.

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The WHO Foundation @thewhof has appointed @_AnilSoni as its inaugural CEO.
The Foundation, an independent grant-making agency, was launched in May 2020 to work alongside WHO & the global health community to address the world’s most pressing global health challenges. pic.twitter.com/BrQtxg34Gc

— World Health Organization (WHO) (@WHO) December 7, 2020


WHO डायरेक्टर जनरल डॉ. टेड्रोस ने अनिल सोनी की तारीफ की है और स्वास्थ्य के क्षेत्र में निपटने के लिए नए तरह के प्रयोग करने वाला बताया है. उन्होंने कहा कि आज दुनिया मुश्किल वक्त से गुजर रही है, ऐसे में उनकी नई सोच हमें ऐसे वक्त में लड़ने का अवसर देगी. 

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आपको बता दें कि अनिल सोनी इससे पहले क्लिंटन हेल्थ एक्सेस में भी काम कर चुके हैं, जहां वो 2005 से 2010 तक रहे. उनके अलावा बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के हेल्थ डिपार्टमेंट में उन्होंने कार्यभार संभाला. अनिल सोनी ने HIV के इलाज में भी अहम भूमिका निभाई है. 

कोरोना संकट काल में दुनिया के सामने काफी चुनौतियां आई इस दौरान विश्व स्वास्थ्य संगठन की भी आलोचना की गई. लेकिन अब नए संगठन और जोश के जरिए WHO फंड इकट्ठा करने में जुटा है. 

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