भारत बाढ़ से बेहाल, जानें दुनिया के देशों में कैसा है फ्लड प्रबंधन का सिस्टम

सिंगापुर ने अपने ड्रैनेज सिस्टम को सुधारने के लिए करीब 30 वर्षों में करीब 9 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए. इसकी वजह से पूरे सिंगापुर में बाढ़ प्रभावित इलाके में करीब 98 फीसदी की कमी आई.

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लंदन के एक इलाके में भरा बाढ़ का पानी (फोटो-AP) लंदन के एक इलाके में भरा बाढ़ का पानी (फोटो-AP)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 20 जुलाई 2020,
  • अपडेटेड 11:39 PM IST

  • सिंगापुर ने ड्रैनेज सिस्टम सुधारने के लिए 9 हजार करोड़ खर्च किए
  • वहीं नीदरलैंड ने 400 साल पहले ही ड्रैनेज सिस्टम बना लिया था

प्राकृतिक आपदाओं पर किसी का बस नहीं चलता और न ही उन्हें रोका जा सकता है. लेकिन इन आपदाओं से होने वाले नुकसान को कम किया जा सकता है. दुनिया के दूसरे देशों ने बाढ़ और बारिश से होने वाले जलभराव को नियंत्रित किया है. इसके उदाहरण मौजूद हैं.

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पहला उदाहरण है सिंगापुर. सिंगापुर ने अपने ड्रैनेज सिस्टम को सुधारने के लिए करीब 30 वर्षों में करीब 9 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए. इसकी वजह से पूरे सिंगापुर में बाढ़ प्रभावित इलाके में करीब 98 फीसदी की कमी आई. सिंगापुर में ड्रैनेज सिस्टम को सुधारा गया.

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इसके अलावा सिंगापुर के निचले इलाकों में बाढ़ की वजह से सड़कें डूब जाती थीं. ऐसे इलाकों में ड्रैनेज सिस्टम सुधारा गया. सड़कों के लेवल को ऊंचा किया गया. एक वक्त था जब नीदरलैंड का 66 फीसदी इलाका बाढ़ से प्रभावित होता था, लेकिन अब ऐसा नहीं है. नीदरलैंड ने बाढ़ और जलभराव से निपटने के लिए ये तरीका अपनाया कि पानी से लड़ने के बजाय उसके साथ जीना चाहिए.

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400 साल पहले ही ड्रैनेज सिस्टम बनाया

नीदरलैंड ने 400 साल पहले ही ड्रैनेज सिस्टम बना लिया था. वहां जगह-जगह पर पंपिंग स्टेशन बने हैं, जो बारिश और बाढ़ के पानी को बाहर निकालते हैं. यहां ड्रैनेज के लिए नहरों का एक सिस्टम है और समय-समय पर नदियों की गहराई भी बढ़ाई जाती है.

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जापान में टोक्यो के शोवा और कासूकाबे, साइतामा के बीच दुनिया की सबसे बड़ी अंडरग्राउंड फ्लड वाटर डाइवर्जन फैसिलिटी बनायी. इससे प्रति सेकेंड 200 टन वजन के बराबर पानी को निकाला जा सकता है. अमेरिका में यूएस आर्मी कोर ऑफ इंजीनियर्स बाढ़ नियंत्रण की प्रमुख एजेंसी है. 2012 के सैंडी तूफान के बाद न्यूयॉर्क सिटी मेट्रो पॉलिटन ट्रांसपोर्टेशन अथॉरिटी ने कई फ्लड बैरियर प्रोजेक्ट चलाए.

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बाढ़ नियंत्रण को लेकर पेरिस की बाढ़ के बाद, फ्रांस 1910 से ही सजग है. फ्रांस ने जलाशयों का जाल बिछा दिया और अब ये वहां पर ग्रेट लेक्स यानी झीलों के रूप में अलग पहचान रखते हैं. लंदन में टेम्स नदी पर एक विशालकाय मैकेनिकल बैरियर बना हुआ है जो बाढ़ नियंत्रण में मदद करता है. भारत को भी बाढ़ का इलाज करना होगा. इसके लिए युद्धस्तर पर नीतियां बनाने की जरूरत है.

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