स्वेज नहर ब्लॉकेज: विश्व व्यापार को हुआ भारी नुकसान, तेल व गैस के दाम से लेकर शिपिंग चार्ज में भी बढ़ोतरी

जहाज के फंसने के चलते विश्व की सप्लाई चेन पर खासा असर पड़ा था. इतना ही नहीं इससे आर्थिक नुकसान का भी सामना करना पड़ रहा था. जहाज के फंसने के चलते कई छोटे मालवाहक जहाज फंसे हुए थे. कई जहाजों को दूसरे रास्ते उनके गंतव्य की ओर रवाना किया जा रहा था जिसके चलते जरूरी शिपमेंट में देरी हो रही थी.

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स्वेज नहर में फंसे जहाज को हटा लिया गया है. (फोटो- रॉयटर्स) स्वेज नहर में फंसे जहाज को हटा लिया गया है. (फोटो- रॉयटर्स)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 30 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 4:14 PM IST
  • रोजाना लगभग 9 बिलियन डॉलर का नुकसान
  • जहाज लगभग 400 मीटर लंबा और 59 मीटर चौड़ा था
  • पूर्वी और पश्चिम देशों के बीच व्यापार का अहम रास्ता

हफ्ते भर से स्वेज नहर में फंसा जाएंट शिप 'एमवी एवर गिवेन' सोमवार को हटा लिया गया. यह जहाज 400 मीटर लंबा और 59 मीटर चौड़ा था. चीन से नीदरलैंड्स के पोर्ट रोटेरडम जा रहा यह जहाज स्वेज नहर में फंस गया था. इस जहाज के फंसने के चलते विश्व की सप्लाई चेन पर खासा असर पड़ा ही था. साथ ही इससे आर्थिक नुकसान का भी सामना करना पड़ रहा है. कई देशों में तेल व गैस के दाम बढ़ गए हैं तो  कई जगहों पर शिपिंग चार्ज में भी इजाफा हुआ है. जहाज के फंसने के चलते कई छोटे मालवाहक जहाज फंसे हुए थे. कई जहाजों को दूसरे रास्ते उनके गंतव्य की ओर रवाना किया जा रहा था जिसके चलते जरूरी शिपमेंट में देरी हो रही थी.

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स्वेज नहर का रूट जाम होने से काफी नुकसान 

स्वेज नहर पर रूट प्रभावित होने के चलते पूर्वी और पश्चिमी दिशा में स्थिति कई देशों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा.  भारत को भी इस घटना के चलते करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ा है. बता दें कि स्वेज नहर दुनिया की शिपिंग चैनल्स में सबसे व्यस्ततम रास्तों में से एक है. यहां से तेल, रिफाइंड तेल, अनाज और अन्य सामानों का आदान प्रदान किया जाता है. स्वेज नहर के ब्लॉक होने के चलते रोजाना के व्यापार का 12 प्रतिशत हिस्सा प्रभावित था.

लॉयड लिस्ट के मुताबिक रोजाना 9 बिलियन डॉलर का नुकसान उठाना पड़ रहा था. यह प्रति घंटे 400 मिलियन डॉलर के व्यापार या $ 6.7 मिलियन प्रति मिनट के बराबर है. जापानी जहाज के छह दिनों तक स्वेज में फंसे होने के चलते लगभग कुल 54 बिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है. यह आंकड़ा कार्गो शिपमेंट के रुकने या फिर ब्लॉकेज की वजह से हुई देरी के आधार पर है.

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विश्व के कई देशों को आर्थिक नुकसान तेल और गैस के दाम बढ़ने से भी हुए हैं. आशंका जताई गई थी कि यह जहाज कई दिनों तक स्वेज नहर में फंसा रह सकता है जिसके चलते कई देशों में तेल और गैस के दाम बढ़ा दिए गए थे. स्वेज नहर प्राधिकरण के अध्यक्ष ओसामा रबी के अनुसार, अकेले नहर का राजस्व रोजाना $ 14 मिलियन से $ 15 मिलियन तक प्रभावित हुआ. इस बीच, जर्मन बीमा कंपनी एलियांज ने शुक्रवार को एक विश्लेषण में कहा था कि इस ब्लॉकेज  की वजह से सालाना आधार पर वैश्विक व्यापार वृद्धि में 0.2 से 0.4 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है.

ट्रैफिक हटने में तीन दिन का समय

अतिरिक्त शिपिंग ऑपरेशन चार्ज, कमोडिटी की कीमतें और शिपिंग में देरी जैसी लागतों को जोड़ने पर आर्थिक नुकसान का आंकड़ा और बढ़ सकता है. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि ब्लॉकेज के चलते हुई ट्रैफिक की समस्या को हटाने में तीन दिन से अधिक का समय लग सकता है. अधिकांश कार्गो जहाजों को केप ऑफ गुड होप के माध्यम से लंबा रास्ता अपनाने के लिए मजबूर होना पड़ा जिसके चलते मंगलवार को  शिपिंग ऑपरेशन चार्ज में बढ़ोतरी देखी गई. इस रास्ते से जा रहे जहाजों को  7 से 15 दिन का अतिरिक्त समय लग सकता है.

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(इनपुट- कौस्तव दास)

 

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