बांग्लादेश में जारी हिंसा और विरोध-प्रदर्शनों के बीच एक बार फिर कट्टरपंथ का खौफनाक चेहरा सामने आया है. मैमनसिंह जिले में भीड़ ने ईशनिंदा के आरोप में एक हिंदू युवक की बेरहमी से हत्या कर दी.
मृतक की पहचान दीपू चंद्र दास के रूप में हुई है, जो एक कपड़ा फैक्ट्री में काम करता था और भालुका उपजिला के दुबालिया पारा इलाके में किराए पर रहता था. दिल दहला देने वाली इस घटना में उग्र भीड़ ने हत्या के बाद दीपू चंद्र के शव को एक पेड़ से बांध दिया और उसमें आग लगा दी.
यह घटना ऐसे समय पर हुई है, जब देश हसीना विरोधी नेता शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद व्यापक हिंसा और प्रदर्शनों की चपेट में है. पुलिस के मुताबिक, गुरुवार रात करीब 9 बजे स्थानीय लोगों के एक समूह ने उस पर पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाया और हमला कर दिया.
यह भी पढ़ें: एंटी इंडिया प्रोटेस्ट, अवामी लीग के दफ्तरों पर हमले... बांग्लादेश में चुनावी स्टंट से आउट ऑफ कंट्रोल हुए हालात
पीट-पीटकर मार डाला
आरोप है कि भीड़ ने दीपू चंद्र दास को पीट-पीटकर मार डाला, फिर उसके शव को पेड़ से बांधकर आग लगा दी. सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची, स्थिति को नियंत्रित किया और शव को कब्जे में लिया. पोस्टमार्टम के लिए शव को मैमनसिंह मेडिकल कॉलेज अस्पताल भेजा गया है.
अब तक इस मामले में कोई औपचारिक एफआईआर दर्ज नहीं की गई है. पुलिस का कहना है कि मृतक के परिजनों का पता लगाया जा रहा है और शिकायत मिलने के बाद कानूनी कार्रवाई शुरू होगी.
लगातार हो रहे हैं विरोध प्रदर्शन
यह घटना ऐसे समय सामने आई है, जब शरीफ उस्मान हादी की मौत के बाद बांग्लादेश के कई हिस्सों में हिंसक प्रदर्शन हो रहे हैं. प्रदर्शनकारियों ने अखबार दफ्तरों, अवामी लीग नेताओं के घरों और ऐतिहासिक स्थलों को निशाना बनाया है. ढाका और चटगांव में भारत विरोधी नारे भी लगाए गए और भारतीय राजनयिक परिसरों पर पथराव की घटनाएं हुईं.
बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने देश को संबोधित करते हुए हादी की हत्या के दोषियों को जल्द सजा दिलाने का भरोसा दिया और हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का ऐलान किया.
सुबोध कुमार