फ्रांस: आरोपी के फोन-लैपटॉप की बिना बताए जासूसी कर सकेगी पुलिस! बिल पर हंगामा

फ्रांस में सरकार जस्टिस रिफॉर्म बिल लेकर आई है. इसमें पुलिस से जुड़ा एक नया नियम भी है. इसके मुताबिक, पुलिस को खास मामलों में आरोपी की जासूसी करने की छूट मिलेगी. इसपर विपक्ष ने आपत्ति जताई है.

Advertisement
फ्रांस बीते दिनों हिंसा से जूझ रहा था (फोटो- AFP) फ्रांस बीते दिनों हिंसा से जूझ रहा था (फोटो- AFP)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 जुलाई 2023,
  • अपडेटेड 11:47 PM IST

फ्रांस बीते दिनों एक मर्डर की वजह से हिंसा की आग में जल रहा था. यह आग अभी ठंडी भी नहीं हुई थी कि वहां एक बिल पर बवाल मच गया है. बिल के मुताबिक, फ्रांस की पुलिस किसी आरोपी की जासूसी करने के लिए उसके फोन और दूसरी डिवाइस के कैमरे, माइक्रोफोन और जीपीएस की मदद ले सकती है.

जासूसी के लिए आरोपी की डिवाइस में मौजूद इन फंक्शन्स को कहीं दूर से ही सीक्रेट तरीके से चालू किया जा सकेगा. मतलब उसे पता नहीं होगा कि जहां वो मौजूद है उसकी रिकॉर्डिंग हो रही है, और उसे कोई देख भी रहा है.

Advertisement

यह नियम जस्टिस रिफॉर्म बिल का हिस्सा हैं. जिनको जल्द लागू किया जा सकता है. जासूसी वाले इस नियम पर विपक्षी दल हमलावर हो गए हैं. उन्होंने सत्ताधारी पार्टी को जासूसी करने वाले करार दिया है. दूसरी तरफ फ्रांस के कानून मंत्री एरिक डुपोंड-मोरेटी ने कहा कि इस कानून का असर सालभर में बस कुछ ही केसों पर पड़ेगा. मतलब इस तरह की जासूसी का इस्तेमाल बेहद कम केसों में होगा.

किन-किन चीजों की हो सकेगी जासूसी?

इस नियम के हिसाब से आरोपी के लैपटॉप, कार से कनेक्टेड डिवाइस, फोन आदि की जासूसी की जा सकती है. जिन डिवाइस की जासूसी की जाएगी उनके जरिए फोटोज, ऑडियो भी लिया जा सकेगा.

लेकिन इसकी शर्त यह है कि जासूसी उन्हीं मामलों के आरोपी की हो सकेगी जिसमें सजा पांच साल से ऊपर की हो. इसके अलावा जासूसी के लिए किसी जज की मंजूरी लेनी होगी. साथ ही साथ ऐसी जासूसी छह महीने से ज्यादा वक्त के लिए नहीं की जा सकेगी.

Advertisement

विपक्ष की तरफ से इसपर आपत्ति जताई गई है. उनका कहना है कि ये कानून सुरक्षा के अधिकार, निजी जिंदगी के अधिकार, कहीं आने-जाने की स्वतंत्रता का हनन है.

हालांकि, राष्ट्रपति इम्यूनल मैक्रों की सरकार की तरफ से सफाई दी जा रही है कि इस रिमोट स्पाइंग का इस्तेमाल तब ही होगा जब मामला अपराध की प्रकृति और गंभीरता को इसके हिसाब से ठीक समझा जाए. साथ ही साथ इसमें समय सीमा की पाबंदी का भी ध्यान रखा जाएगा.

पुलिस की शक्तियां बढ़ाने का ये नियम ऐसे वक्त पर लाया गया है जब पुलिस वैसे ही घिरी हुई है. फ्रांस में बीते दिनों एक नाबालिग की पुलिस फायरिंग में मौत हो गई थी.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement