चीन में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई जारी है. बैंक ऑफ चाइना के पूर्व चेयरमैन लियू लियांग को भ्रष्टाचार और गैरकानूनी तरीके से लोन जारी करने के जुर्म में मौत की सजा सुनाई गई है. हालांकि, यह सजा दो साल के लिए टाल दी गई है.
कितने बड़े आरोप लगे लियू पर?
चीन के शेडोंग प्रांत के जिनान शहर की अदालत ने लियू को 121 मिलियन युआन (करीब 168 करोड़ रुपये) की रिश्वत लेने का दोषी पाया. इसके अलावा, उन्होंने 3.32 बिलियन युआन (करीब 4,620 करोड़ रुपये) के गैरकानूनी लोन ऐसे कंपनियों को दिए जो इसके योग्य नहीं थीं. इससे करीब 190.7 मिलियन युआन (करीब 270 करोड़ रुपये) का नुकसान हुआ.
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क्या-क्या सजा मिली?
लियू को राजनीतिक अधिकारों से हमेशा के लिए वंचित कर दिया गया. उनकी पूरी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी. साथ ही उन्होंने जो भी गैरकानूनी तरीके से कमाई की है, उसे जब्त कर राज्य के खजाने में जमा किया जाएगा.
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भ्रष्टाचार पर चीन की सख्त नीति
यह पहला मामला नहीं है. कुछ दिन पहले ही एग्रीकल्चरल बैंक ऑफ चाइना के पूर्व उपाध्यक्ष लू वेनलॉन्ग को भ्रष्टाचार के आरोप में कम्युनिस्ट पार्टी से निकाल दिया गया था. उन पर पार्टी के नियमों को तोड़ने, सार्वजनिक धन का दुरुपयोग करने और जांच में सहयोग न करने जैसे गंभीर आरोप लगे. इसके अलावा, हेइलोंगजियांग प्रांत के पूर्व उप राज्यपाल वांग यीशिन पर भी रिश्वतखोरी के आरोप में मामला दर्ज किया गया है.
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क्या है भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान?
2012 में सत्ता में आने के बाद से ही चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कड़ी मुहिम छेड़ी हुई है. अब तक इस अभियान के तहत लाखों अधिकारियों पर कार्रवाई हो चुकी है. हाल ही में दो पूर्व रक्षा मंत्रियों और कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों को भी सजा दी गई.
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