217 बार कोविड वैक्सीन लगवाने वाले शख्स की कहानी... ऐसे बना मोस्ट वैक्सीनेटेड पर्सन

62 साल के उस शख्स ने कोविड वैक्सीन की पहली डोज जून 2021 में ली थी. उसके बाद उसने उसी साल 16 डोज लीं. उसने फाइजर-बायोएनटेक, मॉडर्ना, जॉन्सन एंड जॉन्सन और सनोफी की वैक्सीन लगवाई थीं.

Advertisement
मोस्ट वैक्सीनेटेड पर्सन मोस्ट वैक्सीनेटेड पर्सन

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 07 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 5:11 PM IST

जर्मनी से एक अनोखा मामला सामने आया है. यहां एक 62 साल के बुजुर्ग ने कोविड की 217 वैक्सीन लगवा लीं. शख्स ने 29 महीनों के दौरान ये वैक्सीन ली हैं. यानी, औसतन हर चार दिन में एक डोज. हैरान करने वाली बात ये है कि इतनी सारी वैक्सीन लगवाने के बाद भी उसपर कोई साइड इफेक्ट्स नजर नहीं आया.

साइंस जर्नल 'लैंसेट इन्फेक्शियस डिसीज' में इस मामले की जानकारी दी गई है. जर्नल में लिखा है कि कोविड वैक्सीन की इतनी डोज लेने के बावजूद उसके शरीर पर कोई साइड इफेक्ट्स नहीं हुआ. न ही उसका इम्युन सिस्टम मजबूत हुआ और न ही कमजोर.

Advertisement

हालांकि, उस शख्स का नाम का खुलासा नहीं किया गया है. साइंस जर्नल ने बताया कि शख्स ने जून 2021 से नवंबर 2023 के बीच कोविड वैक्सीन की 217 डोज लीं. इसमें से 134 डोज की पुष्टि तो वैक्सीनेशन सेंटर के दस्तावेजों से हो गई. जबकि, बाकी की 83 डोज के बारे में शख्स ने खुद बताया.

अल्बर्ट आइंस्टिन कॉलेज ऑफ मेडिसिन से जुड़े डॉ. एमिली हैप्पी मिलर ने बताया कि ये वाकई एक असामान्य मामला है. किसी व्यक्ति को कोविड वैक्सीन की इतनी सारी डोज लगा दी गईं. किसी गाडइलाइन का पालन भी नहीं किया गया.

जर्नल के मुताबिक, उस शख्स को कभी कोविड संक्रमण भी नहीं हुआ. मई 2022 से नवंबर 2023 के बीच कई एंटीजन और आरटीपीसीआर टेस्ट के नतीजों से इस बात का पता चला. डॉ. मिलर का कहना है कि कोविड की पहली तीन डोज के बाद उनकी इम्युनिटी मजबूत हो गई होगी, इसलिए उन्हें कोरोना नहीं हुआ.

Advertisement

कब-कब लीं डोज?

रिपोर्ट के मुताबिक, 62 साल के उस शख्स ने कोविड वैक्सीन की पहली डोज जून 2021 में ली थी. उसके बाद उसने उसी साल 16 डोज लीं. उसने फाइजर-बायोएनटेक, मॉडर्ना, जॉन्सन एंड जॉन्सन और सनोफी की वैक्सीन लगवाई थीं.

साल 2022 की जनवरी में उसने हर दिन वैक्सीन लगाई. जनवरी के महीने में उसने 48 डोज लिए. इसके बाद फरवरी में 34 और मार्च में 6 डोज लगवाईं. अप्रैल 2022 में शख्स के बारे में पता चल गया, जिसके बाद बाकी वैक्सीनेशन सेंटर को अलर्ट किया गया. 

उसे एलिनबर्ग के एक वैक्सीनेशन सेंटर पर देखा गया, जिसके बाद पुलिस ने उसे हिरासत में भी लिया था. उस पर वैक्सीनेशन कार्ड बेचने का आरोप था. दरअसल, उस वक्त यूरोपीय देशों ने ट्रैवलिंग के लिए वैक्सीनेशन कार्ड अनिवार्य कर दिया था.

जर्नल में बताया गया है कि मैग्डेबर्ग के एक पब्लिक प्रॉसिक्यूटर ने उस शख्स के खिलाफ जांच शुरू की थी. उस पर अवैध तरीके से वैक्सीनेशन कार्ड बनवाने और दस्तावेजों की जालसाजी करने का आरोप था. हालांकि, अब तक उसके खिलाफ कोई क्रिमिनल केस दायर नहीं किया गया है.

इतनी सारी वैक्सीन का क्या असर हुआ?

रिसर्चर ने जब इस शख्स के बारे में सुना, तो उन्होंने उससे मई 2022 में संपर्क किया. लेकिन तब तक वो वैक्सीन की 213 डोज लगवा चुका था. और इसके बाद डॉक्टरों के मना करने के बावजूद उसने चार डोज और लगवाईं.

Advertisement

वैज्ञानिकों ने उस शख्स के ब्लड और सलाइवा के सैंपल लिए. जब उन्होंने इसकी जांच की तो वो भी हैरान हो गए. सबकुछ सामान्य था. इतनी सारी वैक्सीन डोज लेने के बावजूद उसके शरीर पर इसका कोई गलत असर नहीं पड़ा.

वैज्ञानिकों ने पाया कि वैक्सीन की इतनी डोज लेने के बाद उसके शरीर में टी-सेल्स और बी-सेल्स की मात्रा तो बढ़ी, लेकिन इम्युन सिस्टम पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ा.

अमेरिका में 6 महीने से ज्यादा उम्र के लोग वैक्सीन लगवा सकते हैं. हाल ही में सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (सीडीसी) ने 65 साल और उससे ज्यादा उम्र के लोगों को कोविड वैक्सीन की एक और डोज लगवाने की सलाह दी है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement