बुल्गारिया की उप प्रधानमंत्री और विदेश मंत्री मारिया गैब्रियल ने भारतीय नौसेना की जमकर सराहना की है. भारतीय नौसेना ने अरब सागर में अगवा किए गए एक व्यापारिक जहाज को रेस्क्यू किया है जिसमें 7 बुल्गेरियाई समेत 17 लोग सवार थे. इस रेस्क्यू के लिए बुल्गारिया ने भारत का आभार जताया है जिसके बाद विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि 'दोस्त इसी काम के लिए होते हैं.'
बुल्गारिया की विदेश मंत्री ने रविवार को सोशल मीडिया साइट एक्स पर कहा, 'मैं अगवा किए जहाज Ruen और 7 बुल्गारिया के नागरिकों सहित उसके क्रू को बचाने के सफल ऑपरेशन के लिए भारतीय नौसेना के प्रति आभार जताती हूं, उनके समर्थन और प्रयासों के लिए धन्यवाद. हम क्रू की जीवन की रक्षा के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे.'
बुल्गारियाई मंत्री के इस ट्वीट को शेयर करते हुए एस जयशंकर ने ट्वीट किया, 'दोस्त इसी के लिए होते हैं.'
35 लुटेरों ने किया सरेंडर
समुद्री डकैती को रोकने के लिए भारतीय नौसेना ने 'ऑपरेशन संकल्प' शुरू किया है जिसके तहत एमवी रुएन नाम के व्यापारिक जहाज और उसके के चालक दलों को बचाया गया है. जहाज को हाल ही में सोकोट्रा के यमन द्वीप के पास सोमाली समुद्री डाकुओं ने अपहरण कर लिया था. नौसेना के मुताबिक, इस दौरान 35 लुटेरों ने सरेंडर कर दिया.
ऑपरेशन संकल्प के तहत भारतीय वायु सेना के C-17 विमान ने शनिवार को अरब सागर में भारतीय नौसेना MARCOS के साथ मिलकर समुद्री लुटेरों के खिलाफ बड़ा ऑपरेशन किया.
ऑपरेशन की सराहना करते हुए, भारतीय वायु सेना ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'एकता का शानदार प्रदर्शन करते हुए भारतीय वायुसेना के सी -17 विमान ने नौसेना के साथ मिलकर दो कॉम्बैट रबराइज्ड रेडिंग क्राफ्ट बोट्स से हवा के जरिए ही समुद्री डाकुओं के खिलाफ चल रहे ऑपरेशन के तहत समुद्र में एक बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया.'
भारतीय नौसेना ने लिखा, 'भारतीय तट से 2600 किलोमीटर दूर लगभग 10 घंटे तक उड़ान भरी और जहाज एमवी रुएन के क्रू को बचाने के लिए ऑपरेशन चलाया गया. जहाज को हाल ही में सोकोट्रा के यमनी द्वीप के पास सोमाली समुद्री डाकुओं ने अपहरण कर लिया था. भारतीय नौसेना के साथ मिलकर काम करते हुए, मिशन सफल रहा और जहाज पर सवार सभी 17 चालक दल सुरक्षित रूप से बचा लिए गए.'
भारतीय नौसेना ने कहा कि एमवी रुएन पिछले दिसंबर से सोमालियाई समुद्री लुटेरों के कब्जे में था.
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