जॉर्जिया में हिंसक हुआ सरकार विरोधी प्रदर्शन, भीड़ ने राष्ट्रपति भवन को घेरा... सुरक्षा बलों से हुई झड़प

जॉर्जिया की राजधानी त्बिलिसी में सरकारी विरोधी प्रदर्शन तब हिंसक हो गया, जब हजारों की भीड़ ने राष्ट्रपति भवन पर धावा बोल दिया. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को खदड़ने के लिए वाटर कैनन, आंसू गैस और पेपर स्प्रे का इस्तेमाल किया.

Advertisement
 जॉर्जिया की राजधानी त्बिलिसी में राष्ट्रपति भवन में घुसने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों ने बल प्रयोग किया. (Photo: Reuters/Irakli Gedenidze) जॉर्जिया की राजधानी त्बिलिसी में राष्ट्रपति भवन में घुसने की कोशिश कर रहे प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षा बलों ने बल प्रयोग किया. (Photo: Reuters/Irakli Gedenidze)

aajtak.in

  • त्बिलिसी,
  • 05 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 6:45 AM IST

जॉर्जिया की राजधानी त्बिलिसी में शनिवार को सरकार विरोधी हजारों प्रदर्शनकारियों ने राष्ट्रपति भवन (ओर्बेलियानी पैलेस) पर धावा बोलने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस के साथ उनकी हिंसक झड़प हुई. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए वाटर कैनन, पेपर स्प्रे और आंसू गैस का इस्तेमाल किया. कुछ प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेडिंग तोड़कर राष्ट्रपति भवन परिसर में प्रवेश करने की कोशिश की, जिसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई.

Advertisement

देश में स्थानीय निकाय चुनाव के खिलाफ यह विरोध प्रदर्शन हो रहा है,जिनका अधिकांश विपक्षी दलों ने बहिष्कार किया, जो यूरोपीय संघ (EU) समर्थक हैं. जॉर्जिया की वर्तमान सरकार ने यूरोपीय संघ पर देश में दंगे भड़काने के आरोप लगाए हैं. प्रधानमंत्री  इराकली कोबाखिद्ज़े ने कहा कि यूरोपीय संघ के झंडे के साथ दंगाइयों ने प्रेसिडेंशियल पैलेस के बाहर बैरिकेड्स में आग लगा दी. उन्होंने यूरोपीय संघ के राजदूत पर जॉर्जिया में 'संवैधानिक व्यवस्था को उखाड़ फेंकने के प्रयास' में प्रदर्शनकारियों की मदद करने का आरोप लगाया है.

विपक्ष ने लगाया चुनावों में धांधली का आरोप

जॉर्जिया पिछले साल के संसदीय चुनावों के बाद से ही राजनीतिक संकट के दौर से गुजर रहा है. विपक्ष ने सत्तारूढ़ जॉर्जियन ड्रीम पार्टी पर चुनावों में धांधली का आरोप लगाया है. देश में संसदीय चुनावों की निगरानी करने के लिए नियुक्त किए गए इंटरनेशनल ऑब्जर्वर्स ने भी जॉर्जियन ड्रीम पार्टी की जीत को अनियमितताओं, हिंसा और धमकियों के कारण दोषपूर्ण करार दिया था. इसके बाद पीएम इराकली कोबाखिद्ज़े  के नेतृत्व वाली सरकार ने ईयू में शामिल होने की वार्ता को स्थगित कर दिया, जिससे जनता का गुस्सा और भड़क गया.

Advertisement

सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी शनिवार को जॉर्जिया और यूरोपियन यूनियन के झंडे लहराते हुए त्बिलिसी के फ्रीडम स्क्वायर और रुस्तवेली एवेन्यू से मार्च करते हुए राष्ट्रपति भवन पहुंचे. इस विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे प्रसिद्ध ओपेरा सिंगर पाता बरचुलाद्जे (Paata Burchuladze) ने एक घोषणा पढ़ी, जिसमें गृह मंत्रालय के कर्मचारियों से जनता की इच्छा का पालन करने और जॉर्जियन ड्रीम पार्टी के छह वरिष्ठ नेताओं, जिसमें प्रधानमंत्री इराकली कोबाखिद्जे भी शामिल हैं, को तुरंत गिरफ्तार करने की मांग की गई.

जॉर्जिया में नए सिरे से चुनाव कराने की मांग

हाल के महीनों में कोबाखिद्जे सरकार ने प्रदर्शनकारियों, मीडिया और प्रो-वेस्टर्न विपक्षी नेताओं के खिलाफ कड़े कदम उठाए हैं. कई विपक्षी नेताओं, पत्रकारों और प्रदर्शनकारियों को जेल में डाल दिया गया है. विपक्ष देश में नए सिरे से संसदीय चुनाव कराने और करीब 60 राजनीतिक कैदियों की रिहाई की मांग की है. स्थानीय निकाय चुनाव के प्रारंभिक परिणामों के अनुसार, जॉर्जियन ड्रीम पार्टी ने 80% से अधिक वोट हासिल किए और राजधानी त्बिलिसी समेत सभी 64 नगर पालिकाओं में जीत दर्ज की, जिसे विपक्ष ने अवैध करार दिया.

यूरोपीय संसद और अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने जॉजिया में हुए 2024 के संसदीय चुनाव परिणामों को मान्यता देने से इनकार कर दिया है और नए चुनाव की मांग की है. प्रदर्शनकारी शांतिपूर्ण क्रांति की मांग कर रहे हैं, जबकि जॉर्जियन ड्रीम पार्टी ने इन प्रदर्शनों को विदेशी साजिश करार दिया है. प्रदर्शनकारी सत्तारूढ़ जॉर्जियन ड्रीम पार्टी पर रूस समर्थक होने का आरोप लगा रहे हैं. झड़पें तब शुरू हुईं जब नकाबपोश प्रदर्शनकारियों के एक समूह ने राष्ट्रपति भवन के पास बैरिकेडिंग तोड़ने की कोशिश की.

Advertisement

EU में शामिल होने का दावेदार था जॉर्जिया

आलोचकों का कहना है कि जॉर्जियन ड्रीम पार्टी, जिसे इसके अरबपति संस्थापक और पूर्व प्रधानमंत्री बिद्जिना इवानीशविली के प्रभाव में माना जाता है, देश को उसके प्रो-वेस्ट स्टैंड से हटा रही है. कभी यूरोपीय संघ में शामिल होने का प्रमुख दावेदार रहा जॉर्जिया, रूस-यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद से पश्चिम के साथ अपने संबंधों में तल्खी देख रहा है. सरकार ने पिछले साल के विवादित संसदीय चुनावों के बाद यूरोपीय संघ में शामिल होने की बातचीत को स्थगित कर दिया, जिसने देश में विरोध प्रदर्शनों को बढ़ावा दिया.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement