जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (जेएनयू) में रविवार को हुई हिंसा का विरोध पूरे देश में हो रहा है. अब पाकिस्तान के छात्र भी जेएनयू के समर्थन में आ गए हैं. बुधवार को पाकिस्तान के लाहौर में छात्रों और शिक्षकों ने जेएनयू के समर्थन में रैली निकाली. पाकिस्तान में यह रैली लाहौर प्रेस क्लब से निकाली गई, जिसमें कई यूनिवर्सिटी के छात्र-छात्राएं शामिल रहे. इस रैली की थीम शायर फैज अहमद फैज की नज्म 'लाजिम है कि हम भी देखेंगे' पर रखा गया है. फैज अहमद फैज की इस नज्म को लेकर भारत में विवाद चल रहा है.
वहीं, जेएनयू हिंसा के खिलाफ हिंदुस्तान के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में प्रदर्शन किया जा रहा है. जेएनयू हिंसा के खिलाफ आईआईएम अहमदाबाद के छात्रों ने भी प्रदर्शन किया. इस विरोध की आवाज में एक बार फिर फैज अहमद फैज की नज्म गूंज रही थी. इसके पहले आईआईटी कानपुर के छात्रों ने फैज की मशहूर नज्म- ‘हम देखेंगे’ गाया था.
जेएनयू में हुई हिंसा के खिलाफ नेताओं के अलावा फिल्म स्टार भी मैदान में उतर आए हैं. हिंसा के शिकार हुए छात्रों से मिलने मंगलवार रात अभिनेत्री दीपिका पादुकोण जेएनयू कैंपस पहुंचीं. उन्होंने जेएनयू की छात्रसंघ अध्यक्ष आइशी घोष से भी मुलाकात की. रविवार रात नकाबपोश हमलावरों ने आइशी घोष को पीट-पीटकर लहूलुहान कर दिया था. आइशी घोष के सिर और हाथ पर गहरी चोट आई थी.
दिल्ली पुलिस ने जेएनयू प्रशासन की शिकायत पर आइशी घोष के खिलाफ मंगलवार को एक एफआईआर भी दर्ज की है. वहीं, जेएनयू छात्रसंघ ने विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर जगदीश कुमार पर पक्षपात का आरोप लगाया है. छात्रसंघ का कहना है कि आइशी घोष के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाकर जेएनयू प्रशासन ने यह जाहिर कर दिया कि इस लड़ाई में वह किसकी तरफ है.
लोहे की रॉड से किए गए हमले में आइशी का सिर फूट गया था. लहूलुहान आइशी घोष की तस्वीर मीडिया में देखी गई थी. जेएनयू प्रशासन की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर के खिलाफ मंगलवार शाम जेएनयू के पूर्व छात्र भी अपना विरोध दर्ज कराने विश्वविद्यालय पहुंचे. दिल्ली पुलिस ने जेएनयू हिंसा को लेकर कुल 11 शिकायतें दर्ज की हैं.
दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच फिलहाल जेएनयू हिंसा की जांच कर रही है, लेकिन अभी तक एक भी नकाबपोश हमलावर पकड़ा नहीं गया है. किसी की भी पहचान नहीं हुई है. उधर, जेएनयू हिंसा के खिलाफ और जेएनयू छात्रों के समर्थन में दिल्ली के ही दो दूसरे विश्वविद्यालय जामिया यूनिवर्सिटी और दिल्ली यूनिवर्सिटी में छात्रों ने अपनी आवाज बुलंद की.
इस बीच जेएनयू के वाइस चांसलर जगदीश कुमार मानव संसाधन विकास मंत्रालय पहुंचे और मंत्रालय के सचिव से मुलाकात में जेएनयू के पूरे घटनाक्रम पर अपनी रिपोर्ट दी.