पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने राज्य के कुछ अधिकारियों को निलंबित करने पर चुनाव आयोग पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने चुनाव आयोग की कार्रवाई को गैरकानूनी और भाजपा के इशारे पर किया गया बताया है. ममता ने ऐलान किया कि राज्य सरकार अपने अधिकारियों के साथ खड़ी रहेगी और किसी को भी निलंबित नहीं किया जाएगा.
ममता बनर्जी झाड़ग्राम में एक जनसभा को संबोधित कर रही थीं. उन्होंने कहा, "चुनाव की तारीख घोषित भी नहीं हुई और आप अधिकारियों को सस्पेंड कर रहे हैं. किस कानून के तहत? मैं सभी सरकारी कर्मचारियों से कहती हूं कि डरने की जरूरत नहीं है. मैं आपकी पहरेदार बनकर साथ खड़ी हूं."
क्यों हुई कार्रवाई?
मामला दरअसल यह है कि चुनाव आयोग ने सोमवार को पश्चिम बंगाल के छह सरकारी कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया था. इनमें चार अधिकारी (दो ERO और दो AERO) और एक डाटा एंट्री ऑपरेटर शामिल हैं. ये अधिकारी दक्षिण 24 परगना के बारुईपुर पूर्व और पूर्वी मिदनापुर के मोयना विधानसभा क्षेत्रों में मतदाता सूची में कथित गड़बड़ी के मामले में फंसे हैं. आयोग ने कहा है कि इन अधिकारियों ने मतदाता सूची में गलत नाम जोड़े थे, इसलिए इनके खिलाफ FIR दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी.
ममता का निशाना
ममता ने इस कार्रवाई को "राजनीतिक साजिश" बताते हुए कहा कि यह सब भाजपा के कहने पर किया जा रहा है. उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग भाजपा का "बांधुआ मजदूर" बन गया है और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इशारे पर काम कर रहा है.
उन्होंने कहा, "आप गुजरात में जैसा करते हैं, वैसा यहां नहीं चलेगा. ये बंगाल है. आप दो दशक पुरानी वोटर लिस्ट से नाम हटाकर NRC करना चाहते हैं, लेकिन यह यहां नहीं होगा."
ममता ने यह भी कहा कि BJP पिछली बार भी EC के सहयोग से चुनाव जीती थी और अब फिर से वही चाल दोहराना चाहती है. उन्होंने आश्वासन दिया कि बंगाल सरकार अपने कर्मचारियों को डरने नहीं देगी.
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