ED अधिकारी बनकर करोड़ों की ठगी करने वाला गिरफ्तार, नकली दस्तावेज, लोगो लगी गाड़ी से बनाता था दबाव

प्रवर्तन निदेशालय ने पश्चिम बंगाल में एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है जो खुद को ईडी अधिकारी बताकर व्यापारियों से करोड़ों रुपये की ठगी कर रहा था. आरोपी नकली दस्तावेज़, सरकारी प्रतीक और वेबसाइट का इस्तेमाल करता था. अब तक दो कारें, नकद और बैंक खाते फ्रीज़ किए जा चुके हैं. ईडी ने आरोपी को 16 जुलाई तक रिमांड पर लिया है और जांच जारी है.

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फर्जी अधिकारी पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार फर्जी अधिकारी पश्चिम बंगाल से गिरफ्तार

aajtak.in

  • कोलकाता ,
  • 03 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 11:20 PM IST

प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने पश्चिम बंगाल से एक ऐसे व्यक्ति को गिरफ्तार किया है जो खुद को ईडी अधिकारी बताकर कारोबारियों से करोड़ों की ठगी करता था. गिरफ्तार आरोपी का नाम एस. के. जिन्नार अली है. उसे बुधवार को कोलकाता और बर्दवान में कई ठिकानों पर छापेमारी के बाद गिरफ्तार किया गया और अब वह 16 जुलाई तक ईडी की कस्टडी में रहेगा.

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ईडी ने गुरुवार को जारी बयान में कहा कि यह मामला बिधाननगर थाने में दर्ज एक एफआईआर से जुड़ा है जिसमें कुछ लोगों पर खुद को ईडी अधिकारी बताकर व्यापारियों से पैसे वसूलने का आरोप है.

जिन्नार अली और उसके साथी पहले कारोबारियों की पहचान करते थे और फिर उन्हें फोन कॉल या ईमेल के ज़रिए मनी लॉन्ड्रिंग जांच में फंसाने या बचाने की धमकी देकर डराते थे. वो पीड़ितों को बिधाननगर पुलिस कमिश्नरेट में फर्जी पूछताछ के लिए बुलाते थे, जो कि असल में कभी होती ही नहीं थी. विश्वसनीयता जताने के लिए आरोपी ED का लोगो लगी Toyota Fortuner गाड़ी में आते थे.

ईडी की जांच में खुलासा हुआ कि एक व्यापारी से 1.30 करोड़ रुपये नकद और 20 लाख रुपये बैंक खाते में जमा कराए गए. एक अन्य मामले में 1.5 करोड़ रुपये की ठगी की गई. छापेमारी में जिन्नार अली और उसकी पत्नी की दो गाड़ियाँ जब्त की गईं.

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उनके बैंक खातों और Sparklink Management Services Pvt Ltd नामक कंपनी के खाते से 45.89 लाख की राशि फ्रीज़ की गई है. नकली दस्तावेज़, सरकारी मुहरें, मंत्रालयों के फर्जी लेटरहेड, और 'Government of India' वाले लैनयार्ड भी जब्त किए गए हैं.

जिन्नार अली खुद को The National Anti-Trafficking Committee का अध्यक्ष बताता था. उसने इस संस्था की वेबसाइट बनाई थी जो एक सरकारी वेबसाइट की तरह डिज़ाइन की गई थी ताकि जनता को भ्रमित किया जा सके. ईडी ने कहा कि इस मामले में आगे की जांच जारी है और अन्य सहयोगियों की भी तलाश की जा रही है.

 

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