उत्तर प्रदेश के कानपुर के बिठूर में त्रेता युग की निशानियां बिखरी हैं. माना जाता है कि यहीं बैठकर ब्रह्मा जी ने सृष्टि की रचना की थी और यहीं पर धरती का केंद्र हैं. उन्नाव के परिहर में वो अक्षय वट आज भी है जहां हनुमान भी बलहीन हो गए थे. यहीं बैठ कर वाल्मीकि ने रामायण की रचना की थी और यहीं पर लव और कुश का जन्म भी हुआ था.